ऋषियों द्वारा दिया गया अमूल्य उपहार : दीपावली
Rishi Prasad Hindi|October 2022
दीपावली पर्व : २२ से २६ अक्टूबर
पूज्य बापूजी
ऋषियों द्वारा दिया गया अमूल्य उपहार : दीपावली

दीपावली सामाजिक, नैतिक तथा आर्थिक उन्नति के साथ-साथ आत्मोन्नति करानेवाला उत्सव है। यह प्रकाश का उत्सव हमें आत्मप्रकाश की ओर ले जानेवाला है। यह हमारे सुख, ज्ञान तथा आनंद की वृद्धि के लिए, हमारी संस्कृति की शाश्वतता की खबर दिलाने के लिए हमारे ऋषियों द्वारा दिया गया एक अमूल्य उपहार है। 

जो कर्ज से मुक्त कर दे, अंधकार में प्रकाश कर पापरूपी कचरे को निकाल दे और प्रेमरूपी प्रसाद को भर दे, वह रात्रि कितनी मधुर रात्रि होगी! है तो कृष्णपक्ष की रात्रि लेकिन दीयों की जगमगाहट से यह रात्रि कृष्ण नहीं रहती, शुक्ल हो जाती है। ऐसे ही मनुष्यजन्म है तो संसार में पर ज्ञान व विचारों के दीये ऐसे जलाओ कि सरकते संसार में भी अमर आत्मा का गुंजन, प्रसाद जीवन में आ जाय।

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Denne historien er fra October 2022-utgaven av Rishi Prasad Hindi.

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ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि | हमारी संस्कृति के पावन पर्व दीपावली पर दीप जलाने की परम्परा के पीछे अज्ञान-अंधकार को मिटाकर आत्मप्रकाश जगाने का सूक्ष्म संकेत है। १ से ७ नवम्बर तक अहमदाबाद आश्रम में हुए 'दीपावली अनुष्ठान एवं ध्यान योग शिविर' में उपस्थित हजारों शिविरार्थियों ने हमारे महापुरुषों के अनुसार इस पर्व का लाभ उठाया एवं अपने हृदय में ज्ञान व भक्ति के दीप प्रज्वलित कर आध्यात्मिक दिवाली मनायी।

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