पैदल भ्रमण करते समय शरीर सीधा व वस्त्र कम रहें। दोनों हाथ हिलाते हुए और नाक से गहरे-गहरे श्वास लेते हुए भ्रमण करना चाहिए गहरे श्वास लेने से प्राणायाम का भी लाभ मिलता है। शारीरिक के साथ यह मानसिक स्वास्थ्य में भी लाभदायी है। इससे काम, क्रोध, ईर्ष्या आदि मनोदोषों का शमन होता है तथा एकाग्रता विकसित होती है। ओस की बूँदों से युक्त हरी घास पर टहलना अधिक हितकारी है। यह नेत्रों के लिए विशेष लाभकारी है। वर्षा के दिनों में भीगी घास पर टहल सकते हैं।
भ्रमण सामान्यरूप से अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार मध्यम गति से ही करें। सुश्रुत संहिता (चिकित्सा स्थान : २४.८०) में आता है :
यत्तु चङ्क्रमणं नातिदेहपीडाकरं भवेत्।
तदायुर्बलमेधाग्निप्रदमिन्द्रियबोधनम् ।।
'जो भ्रमण शरीर को अत्यधिक कष्ट नहीं देता वह आयु, बल एवं मेधा प्रदान करनेवाला होता है, जठराग्नि को बढ़ाता है और इन्द्रियों की शक्ति को जागृत करता है।'
Denne historien er fra February 2023-utgaven av Rishi Prasad Hindi.
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