युधिष्ठिर ने पूछा: "जनार्दन! वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में किस नाम की एकादशी होती है? उसका क्या फल होता है?"
श्रीकृष्ण बोले: युधिष्ठिर! रामावतार में श्रीरामजी ने वसिष्ठजी से यही प्रश्न किया था। तब वसिष्ठजी ने कहा था: "श्रीराम! वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम 'मोहिनी' है। यह सब पापों को हरनेवाली और उत्तम है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य मोहजाल तथा पातक-समूह से छुटकारा पा जाते हैं।
सरस्वती नदी के किनारे बसी भद्रावती नगरी सत्यप्रतिज्ञावाला था। का चन्द्रवंशी राजा धृतिमान उस नगरी में एक वैश्य रहता था जिसका नाम था धनपाल। वह समृद्धिशाली, दयाभाव से सम्पन्न, सत्कर्म करने-कराने में उत्सुक था। उसके ५ पुत्र थे - सुमना, द्युतिमान, मेधावी, सुकृत और धृष्टबुद्धि। पाँचवें पुत्र धृष्टबुद्धि की पापकर्म में रुचि थी। वह व्यसनी, दुराचारी था, लफंगों का संग उसे अच्छा लगता था। वह भूलकर भी सत्संग में नहीं जाता था। दुर्व्यसन और लोफरों के संग ने उसको वेश्यागामी बना दिया।
Denne historien er fra April 2023-utgaven av Rishi Prasad Hindi.
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
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साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।