७ जनवरी को सफला एकादशी है। इस व्रत से क्या लाभ होते हैं तथा रात्रि-जागरण क्यों और कैसे करना चाहिए इसका सुंदर विवेचन शास्त्रवेत्ता पूज्य बापूजी के सत्संग में आता है :
राजा युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में प्रणाम करते हुए प्रार्थना की "पौष मास : (अमावस्यांत मास अनुसार मार्गशीर्ष) के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत करने से क्या पुण्य होता है और उसकी विधि क्या है?"
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं : ‘‘राजन् ! यज्ञ, तप, व्रत व बड़ी-बड़ी दक्षिणाएँ भी मुझे इतना प्रसन्न नहीं करतीं जितना एकादशी व्रत से मैं प्रसन्न होता हूँ। और कठोर तपस्याओं से व्यक्ति अपना कल्याण उतना नहीं कर सकता जितना एकादशी व्रत से कर सकता है।
पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ‘सफला एकादशी' कहते हैं। यह भक्ति, मुक्ति, शांति व सफलता रूपी फल को अपने में सँजोये हुए है। जैसे नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुड़ तथा देवताओं में श्रीविष्णु श्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार सम्पूर्ण व्रतों में एकादशी श्रेष्ठ है। इस एकादशी को भगवन्नामयुक्त मंत्रों का उच्चारण करते हुए नारियल, नींबू, अनार, आँवला, बेर, लौंग आदि से भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए।
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