संस्कृति-सेवा के अनुरागी डॉ. कपिल भोला, कोटा (राजस्थान): विलासिता, इन्द्रिय-लोलुपता उत्तेजक वेलेंटाइन डे रूपी विदेशी कुप्रथा की आँधी ने समाज को झकझोर दिया था। नाजुक उम्र में बच्चों को विषय-विकारों में लिप्त होते देख माँ-बाप व्यथित हो गये थे। ऐसी दुरवस्था में पूज्य बापूजी ने समाज के आगे रसमय, प्रेममय मातृ-पितृ पूजन का अत्युत्तम विकल्प रखा। फिर क्या था, काफूर हो गयी माता-पिता की चिंता व बच्चों का विकारी जीवन बन गया प्रभुरसमय! महाराजश्री की यह अतुलनीय दूरदर्शिता, चिंतनदक्षता अभिनंदनीय है।
परहितपरायण कर्मयोगी श्री रबीन अग्रवाल, कालाहांडी (ओडिशा): पूज्य बापूजी ने १८ वर्ष पूर्व मानवमात्र के मंगल के लिए 'मातृ-पितृ पूजन दिवस' का जो आध्यात्मिक गुलदस्ता समाज को भेंटरूप में दिया था, उससे पाश्चात्य कुप्रवृत्तियों से फैली कामुकता की दुर्गंध पलायन हो रही है और विश्ववासियों का हृदय आत्मरस, आत्मशांति, निर्विकारी प्रेम रूपी पुष्पों की सुवास से महक रहा है। खुशहाल एवं आबाद समाज के निर्माण के लिए युगों-युगों तक सभी संतश्री के ऋणी रहेंगे।
Denne historien er fra January 2024-utgaven av Rishi Prasad Hindi.
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।