क्या बोलें क्या नहीं
Grihshobha - Hindi|April Second 2023
बिना सोचेसमझे, बिना विचारे बोली जाने वाली बातों से आप के जीवन में क्या फर्क पड़ता है, क्या जानना नहीं चाहेंगे...
शोभा कटारे
क्या बोलें क्या नहीं

कई बार हम हंसीमजाक में अपनी शालीनता को भूल जाते है और कुछ गलत बोल जाते हैं और जिन से हम मजाक कर रहे हैं उन को नागवारा गुजरता है और वे हम से रूठ जाते हैं. इस से हमारे संबंधों में दरार पड़ जाती है. अतः मजाक हमेशा शालीनता और अच्छी मानसिकता से किया जाए तो ही अच्छा रहता है.

कई बार देखा गया है कि जो शब्द हम बारबार बोलते हैं वही हमारे मुंह पर आते हैं फिर चाहे वे अच्छे हों या बुरे, इसलिए शब्दों का ध्यान रखें. फिर चाहे वे मजाक में ही क्यों न बोले हों क्योंकि हमारे मुंह से निकला 1-1 शब्द हमारे चरित्र और व्यवहार का परिचय देता है. यदि हम कोई गलत शब्द बोल देते हैं तो लोगों के दिल में घृणा के पात्र बन जाते हैं और यदि हम अच्छे शब्द और प्यार से बोलते हैं तो सब का दिल जीत लेते हैं. इसलिए किसी से भी बातचीत करते समय शब्दों का ध्यान रखें.

जब कर रहे हों आलोचना

यदि हमें किसी की आलोचना करनी हो तो कोशिश करें कि तीखे शब्दों का उपयोग न करें. आलोचना हम सकारात्मक भी कर सकते हैं. इस के लिए कुछ सुझाव प्रस्तुत हैं : रवि पार्टी में बहुत शराब पी कर आया था और सब से लड़ाईझगड़ा कर रहा था. तभी उस के दोस्त उस को बहुत भलाबुरा कहने लगे, लेकिन दोस्त आलोचना करते समय यह भूल गए कि यहां सभी अपने परिवार के संग आए हैं. तब क्या रवि के साथ ऐसा व्यवहार ठीक है? इस समय आप आलोचना करते समय अपने शब्दों का ध्यान रखें.

उस को प्यार से समझाने की कोशिश करें कि उस की वजह से पार्टी का मजा खराब हो गया क्योंकि आज सभी दोस्त परिवार संग मौजमस्ती करना चाहते थे, लेकिन उस की वजह से ऐसा नहीं कर पाए.

उसे आगे से किसी भी पार्टी में बिना शराब पीए आने को कहें ताकि वह भी अपने दोस्तों के संग पार्टी का मजा ले सके और कुछ यादगार पल बिता सकें. इस से उस की सोच सकारात्मक होगी और अगली बार वह पार्टी में ऐसा व्यवहार नहीं करेगा. इस तरह आलोचना सकारात्मक भी कर सकते हैं.

जब कर रहे हों बच्चों से बात

Denne historien er fra April Second 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.

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