दिनेश वर्मा ने कभी नहीं चाहा था कि उस की पत्नी कृति नौकरी करे. वह तो हर वक्त कृति को अपनी नजरों के सामने रखना चाहता था. कृति उस के लिए वह अनमोल हीरा थी जिसे खो देने के डर से वह अपने काम पर भी ध्यान नहीं दे पा रहा था. उस की निगरानी के चक्कर में अंततः घर के आर्थिक हालात इतने बिगड़ गए कि कृति को ही नौकरी करने के लिए घर से बाहर निकलना पड़ा.
कृति 24 साल की पढ़ीलिखी, सुलझी हुई, सुंदर और सलीकेदार लड़की है. ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद उस ने नर्सिंग की ट्रेनिंग भी की थी. उस की शादी दिनेश से हुई तो उस ने नौकरी करने के बजाय गृहस्थी को प्राथमिकता दी. दिनेश भी यही चाहता था कि कृति घर पर ही रहे. वह सोचता था कि कहीं उस की सुंदर पत्नी को कोई दूसरा पटा न ले. वह तो कृति को घर के दरवाजे पर भी खड़ा होने पर टोक देता था. कभी वह कहती कि वह थोड़ी देर छत पर टहल आए तो दिनेश भी उस के साथ जाता. कुल मिला कर यह कि दिनेश एक सुंदर स्त्री को ब्याह कर तो ले आया मगर उस की सुंदरता ने उस के अंदर असुरक्षा का भाव पैदा कर दिया.
शक और सुरक्षा की भावना
2015 में जब दिनेश की शादी कृति से हुई थी, तब रिश्तेदारों, दोस्तों और महल्ले वालों के मुंह से अपनी पत्नी की खूबसूरती की तारीफ सुन कर उस की छाती फूल जाती थी कि हाय कितनी सुंदर दुलहन लाया है. दिनेश तेरे तो आंगन में चांद उतर आया है. बहुत कम को इतनी सुंदर पत्नी मिलती. ऐसी बातें सुनसुन कर वह खूब खुश होता था.
दिनेश एक प्राइवेट जौब में था. सैलरी अच्छी थी. काम के सिलसिले में उसे कभीकभी टूर पर भी जाना पड़ता था. घर में उस के और कृति के अलावा मां और छोटा भाई राघव था. राघव दिनेश से 2 ही वर्ष छोटा है और ग्रैजुएशन कर रहा है. अपनी भाभी के साथ राघव खूब हंसीठिठोली कर लेता है. कृति उम्र में राघव से छोटी है तो कभीकभी उस की बातों से शरमा भी जाती है. इन बातों को दिनेश ने कई बार नोट किया है. कृति के आने के बाद राघव के दोस्तों का भी घर में आनाजाना बढ़ गया था. कृति सब से हंस कर बात करती और एक अच्छी बहू की तरह सब की सेवा और सत्कार में लगी रहती. लेकिन बाहरी लड़कों का यों घर में जमघट लगना दिनेश को अच्छा नहीं लगता था.
Denne historien er fra May Second 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra May Second 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....