धर्म अंधेर नगरी चौपट राजा
Grihshobha - Hindi|August Second 2023
खुद को चमत्कारी और भगवान का दूत बताने वाले तथाकथित बाबाओं के निशाने पर औरतें ही क्यों रहती हैं और क्यों सबकुछ जाननेसमझने के बावजूद भी इन बाबाओं की दुकानदारी खत्म नहीं हो रही...
मिनी सिंह
धर्म अंधेर नगरी चौपट राजा

अपने बयानों को ले कर चर्चा में रहने वाले बागेश्वर धाम वाले बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री फिर चर्चा में हैं. इस बार उन्होंने महिलाओं को ले कर बड़ा बयान देते हुआ कहा कि जिस स्त्री की शादी हो गई होती है उस की 2 पहचान होती हैं. पहली मांग का सिंदूर और दूसरी गले का मंगलसूत्र. जिस स्त्री की मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र न दिखे समझ लो प्लाट खाली है और जिस स्त्री की मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र लटका दिखे दूर से ही समझ जाओ कि प्लाट की रजिस्ट्री हो चुकी है.

ये बाबाजी यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि श्राप लगे उन ब्यूटीपार्लर वालों को जो जामुन रंग जैसे चेहरे पर इतना फाउंडेशन लगा देते हैं कि चेहरा चमकने लगता है. बेचारा आईना भी कहता होगा कि बस भई हो गया अब, लेकिन फिर उन्होंने अपनी बात पर सफाई देते हुए कहा कि हम शृंगार के विरोध में नहीं हैं और न हमें इस से कोई दिक्कत है, बस जो ज्यादा चटरपटर दिखता है, वह सही नहीं है.

इन बाबा ने कुत्ते का भी उदाहरण देते हुए कहा कि एक होता है पालतू कुत्ता और एक होता है फालतू. जिस कुत्ते के गले में पट्टा हो वह पालतू है. वैसे ही जो राम का पालतू हो जाता है उस के गले में कंठी होती है और जो फालतू होता है वह बिना माला के घूमता है.

यहां बाबा के हिसाब से स्त्री और कुत्ते में ज्यादा फर्क नहीं है. बिना मंगलसूत्र वाली महिला मतलब प्लाट खाली और बिना पट्टे वाला कुत्ता यानी फालतू.

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इस से पहले भी बाबा हिंदू विवाहित महिलाओं की इसी प्रकार पहचान बता चुके हैं.

महिला से बदसलूकी

बागेश्वर धाम से एक वीडियो सामने आया था जहां दारोगा के सामने एक सेवादार ने महिला को उठा कर बैरिकेट के सामने दूसरी साइड फेंक दिया. वैसे वह दारोगा संस्पैंड कर दिया गया. लेकिन बागेश्वर बाबा ने सफाई देते हुए कहा कि वह उन का सेवादार नहीं था.

पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में एक बार ऐसी अफरातफरी मच गई कि उस में 10 लोगों को चोटें आई थीं. वहां गरमी और उमस के कारण कई लोग बेहोश हो गए थे. एक महिला की मौत भी हो गई थी.

बयानबाजी सुर्खियों में

Denne historien er fra August Second 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.

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