शोभा मुखर्जी 39 साल की है. वह दिल्ली के रोहिणी इलाके के आनंदा अपार्टमैंट में अपने हसबैंड के साथ रहती है. उन का 1 बेटा है. बेटे आरव की उम्र 7 साल और बेटी शोभा की शिकायत है कि जब भी वह उसे खाना देती है तो वह उसे खाने में बहुत नखरे करता है. कभीकभी तो वह खाना खाता ही नहीं है. आलूमेथी की सब्जी अकसर अपनी प्लेट में ही छोड़ देता है. लेकिन वह जंक फूड बड़े चाव से खाता है खासकर पिज्जा और बर्गर उस के खाना न खाने पर कई बार मुझे उसे जंक फूड देना पड़ता है. जबकि मैं नहीं चाहती कि आरव ज्यादा जंक फूड खाए. मैं चाहती कि वह ज्यादा से ज्यादा हैल्दी फूड खाए ताकि फिट रह कर बीमारियों से दूर रहें."
यह प्रौब्लम सिर्फ शोभा की ही नहीं है. इस समस्या से तमाम मांएं जूझ रही हैं. बच्चों को तो बस बर्गर, पिज्जा, पास्ता, फ्रेंच फ्राइस, मोमोस, रोल आदि पसंद होते हैं. लेकिन जंक फूड से पोषण नहीं मिलता. इस से सिर्फ मोटापा और बीमारियां मिलती हैं.
बच्चे खासकर हरी सब्जियां जिन में घीया, तोरी और पालक शामिल हैं, खाने से कतराते हैं. वहीं फलों की बात करें तो चीकू, केला उन्हें पसंद नहीं आते. दूध पीने के नाम पर तो बच्चे मुंह बनाने लग जाते हैं. ऐसे में उन्हें हैल्दी और पोषणयुक्त •खाना खिलाना किसी चैलेंज से कम नहीं होता है.
अगर आप बच्चों को न्यूट्रिशन से भरपूर खाना खिलाना चाहती हैं तो आप को खाना बनाने और बच्चों को खाना खिलाने के तरीकों में कुछ बदलाव कर के नए तरीकों को अपनाना होगा. कुछ ऐसे स्मार्ट तरीके हैं जिन्हें अपना कर आप बच्चों को न्यूट्रिशन से भरपूर खाना खिला सकती हैं. आइए, जानते हैं उन स्मार्ट तरीकों को:
अपने फूड का नाम खुद रखें
खाने को अपना नया नाम दें. बच्चे खाने का वही बोरिंग सा नाम सुन कर थक जाते हैं इसलिए खाने का नया नाम रखें. कोशिश करें कि नाम कुछ फनी और इंट्रस्टिंग हो जैसे नौर्मल से ब्रेडआमलेट का नाम बदल कर एग्गी ब्रेड रख सकती हैं.
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