मिशन अखरोट

उन में से कुछ ने फल, सब्जियां, जैम और जेली बेचने का फैसला किया था, जबकि बिट्टी और गोल्डी बटरफ्लाई जैसे अन्य लोग रंगबिरंगे और सुगंधित बसंत के फूलों को प्रदर्शित करने के लिए एक फूलवाला स्टौल लगाने की तैयारी कर रहे थे.
हेजल गिलहरी और उस के पेरेंट्स हर साल मेले में चॉक्लेट, अखरोट की मिठाई का स्टौल लगाते थे. वे इस के लिए खास अखरोट का इस्तेमाल करते थे और उन की मिठाई अपनी बेहतरीन गुणवत्ता के लिए लोकप्रिय थी.
हालांकि इस साल उन्होंने अभी तक मेले की तैयारी शुरू नहीं की थी. हेजल खुद ज्यादा दिखाई नहीं देती थी और जब उस के दोस्त मोमो चूहे ने उसे बाहर आ कर खेलने के लिए कहा, तो उस ने मना कर दिया.
“मुझे कुछ काम करना है. तुम जाओ और खेलो,” हेजल ने धीमी आवाज में कहा.
“ऐसा नहीं लग रहा है कि तुम मिठाई बना रही हो. फिर तुम किस काम में इतनी व्यस्त हो?” मोमो ने पूछा.
हेजल ने गहरी सांस ली और उस से अपनी समस्या साझा करने का निर्णय लिया.
“मोमो, तुम्हें पता है कि हम हर साल बसंत मेले में अखरोट की मिठाई का स्टौल लगाते हैं. जिस पेड़ से हमारे खास अखरोट इकट्ठे किए जाते हैं, उस के बारे में केवल मेरी दादी को ही पता है,” उस ने बताया.
“तो इस में समस्या क्या है?” मोमो चूहे ने पूछा.
“मेरी दादी डोरा अस्पताल में हैं. जब हम ने उन से पेड़ के बारे में पूछा, तो वह केवल 'कैरो कोको' ही कह सकीं. उन की हालत गंभीर है और डाक्टरों ने हमें सलाह दी है कि बारबार पूछ कर उन्हें परेशान न किया जाए,” हेजल गिलहरी ने बताया.
“चिंता मत करो, हम दोनों मिल कर पता लगाएंगे कि 'कोको' का क्या मतलब है,” मोमो ने उसे सांत्वना दी.
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मिहिर की पूंछ
मिहिर केवल 9 साल का था, लेकिन अपनी तेज बुद्धि और मजेदार अंदाज के लिए वह जाना जाता था. उस की एक बुरी आदत थी कि वह बड़े-बड़े वादे करता था, लेकिन उन्हें कभी निभाता नहीं था.

हिप्पो कब जाएंगे
क्लोई और जोई हिरण बहनें थीं और एमरल्ड तालाब के पास बसंत में पहली बार तितलियों के साथ खेल रही थीं. अचानक उन्होंने दूर से एक दरियाई घोड़े को आते देखा.

अच्छा पड़ोसी
रविवार की सुबह थी. अभी पौ भी नहीं फटी थी. गिगी जिराफ और बौब भालू, जो और्गेनिक खेती करने वाले पड़ोसी थे और शहर के बाहर ही रहते थे. वे अपने खेतों की ओर तेजी से जा रहे थे. उन के घर एकदूसरे के घर से सटे हुए थे.

बरगद के पेड़ का भूत
चंंपकवन की यह शाम ठंडी और धुंध भरी थी और जंगल असामान्य रूप से शांत था. इतना ही नहीं, चहचहाते झींगुर भी शांत हो गए थे. चीकू खरगोश और मीकू चूहा, स्कूल में एक दिन बिताने के बाद लौट रहे थे और आनंदवन में होने वाली खेल प्रतियोगिता के बारे में बातें कर रहे थे.

खोया हुआ दोस्त
मंची कैटरपिलर और बैडी सेंटीपीड बहुत अच्छे दोस्त थे. उन दोनों के कई पैर थे और उन्हें हरीभरी घास के बीच एकदूसरे के साथ दौड़ लगाना पसंद था.

बुरा न मानो होली है
होली दो दिन बाद आने वाली थी और मिली मीरकैट, रोहित रैकून, पोपो पैराकीट और हसन हेजहोग इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि त्योहार कैसे मनाया जाए.

रंगों और पकवानों के साथ होली
“होली रे होली, होली आई रे,” चेतन की दादी के आंगन में खुशी की धुनें गूंज रही थीं। बच्चे इधरउधर दौड़ रहे थे, एकदूसरे पर रंग फेंक रहे थे। उन में से कुछ खंभों के पीछे छिप कर रंगों से बचने की कोशिश कर रहे थे। गुलाल, फूटते पानी के गुब्बारों और पानी की पिचकारियों के रंगबिरंगे स्प्रे से पूरे आंगन में अफरातफरी का माहौल था.

हर्बल होली
होली नजदीक आ रही है. चलो, इस बार कुछ अलग करते हैं,” डिंकी हिरणी ने अपनी सहेलियों से कहा.

गजरू की होली
नंदनवन में होली की तैयारियां जोरों पर थीं, हर जानवर शैतानी से होली की मस्ती की योजना बना रहा था. रंग, गुलाल, पानी के गुब्बारे सबकुछ तैयार किए जा रहे थे, लेकिन एक बार फिर गजरू छछंदर सब से बड़ी बाधा बन गया था.