
स्प्राउट्स, यानी अंकुरित अनाज हर किचन के लिए एक जाना-पहचाना आहार है। यह स्वाद और सेहत, दोनों का ही रिच सोर्स है। न तो यह बहुत ख़र्चीला होता है, न ही इसे बनाने में ज्यादा एफर्ट करने पड़ते हैं। बदलते मौसम में इसकी अहमियत और अधिक बढ़ जाती है।
इम्यूनिटी बढ़ाने में इफेक्टिव
रिसर्च में यह बात कई बार साबित हो चुकी है कि फलों और सब्ज़ियों की तुलना में स्प्राउट्स के फ़ायदे सौ गुना अधिक हैं। अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होने के चलते इसकी उपयोगिता बदलते मौसम में और बढ़ जाती है। इसके पीछे के कारण को इस रूप में समझा जा सकता है। जब भी मौसम बदलता है तो हमारी बॉडी का इम्यून सिस्टम कुछ समय बाद खुद-ब-खुद अपने-आप को उसके अनुकूल ढाल लेता है। जैसे गर्मियों के लास्ट डेज़ में और सर्दियों की शुरुआत में होने वाले सर्दी, जुकाम, बुखार वगैरह से बाद के समय में तो राहत मिल जाती है, मगर जब ये मौसम बदलते हैं तो उस समय पर बहुत प्रीकॉशन और केयर की ज़रूरत ज़्यादा होती है। अगर इम्यूनिटी सिस्टम कमज़ोर हो तो यह समस्या और बढ़ जाती है। डाइट का ख़ास ख़याल रखना पड़ता है। ऐसे में अगर स्प्राउट्स को अपनी रोज़मर्रा की डाइट में शामिल कर लिया जाए तो वेदर चेंजिंग डीसीज़ से राहत पाई जा सकती है।
पोषक तत्वों से भरपूर
Dit verhaal komt uit de March 2025 editie van Sadhana Path.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Al abonnee ? Inloggen
Dit verhaal komt uit de March 2025 editie van Sadhana Path.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Al abonnee? Inloggen

क्यों पड़ती हैं चेहरे पर झुर्रियां
स्वस्थ त्वचा ही किसी भी महिला के लिए सर्वोत्तम मेकअप होती हैं, मगर झुर्रियां चेहरे से उसकी यह रौनक छीन लेती हैं। क्या हैं झुर्रियां होने के कारण और क्या हैं इनके निवारण, जानिए इस लेख के द्वारा।

त्वचा के लिए जरूरी हैं ये विटामिन और मिनरल्स
त्वचा के भीतरी पोषण के लिए ज़रूरी है कि इसे पोषणयुक्त दुलार दिया जाए। त्वचा किस प्रकार की है, इस आधार पर ही किसी के शरीर की कार्यशीलता का पता लगाया जा सकता है। तो आइए, इसी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानते हैं

गर्भपात के बाद की कमज़ोरी से ऐसे निपटें!
किसी महिला का गर्भपात होना शारीरिक और मानसिक, दोनों स्तर पर बेहद मुश्किल होता है, इसलिए जानिए कि किसी महिला को इसके बाद अपना विशेष ध्यान कैसे रखना चाहिए।

आर्य संस्कृति के प्रतीक-शिव
देवों के देव महादेव भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं।

पाचन तंत्र को ठीक करने के 21 उपाय
अच्छा पाचनतंत्र बेहतर स्वास्थ्य की निशानी है। अगर आपका पाचनतंत्र ठीक नहीं है तो जरूरी है कि इन बातों का ध्यान रखें

राशि अनुसार करें रंगों का चयन
रंगों का महत्त्व केवल होली तक ही सीमित नहीं, बल्कि मनुष्य के स्वभाव, उसके भविष्य एवं उसके स्वास्थ्य से भी इसका सीधा संबंध होता है।

होली एक रंग अनेक
रंगों का पर्व होली पूरे भारत में हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के हर क्षेत्र में होली के विविध रूप रंग, प्रथा, मेले आदि देखने को मिलते हैं। आइए लेख के माध्यम से इस पर्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा करें।

धरती का बैकुंठ है पुरी का जगन्नाथ धाम
चार धामों में एक प्रमुख धाम, ओडिशा का जगन्नाथ धाम है। जगन्नाथ धाम की रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है जिसमें शामिल होने के लिए भक्तगण देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं। आइए जगन्नाथ धाम की महिमा पर लेख में विस्तार से चर्चा करें।

ऊर्जा का रूपांतरण
जिसे तुम 'जीवन' कहते हो या जिसे तुम ‘मैं” कहते हो, वह ऊर्जा है। तुम जितने जीवंत हो, तुम जितने जागृत हो, उतने ही तुम ऊर्जावान होते हो।

क्यों की जाती है चार धाम यात्रा?
3 अप्रैल से उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है, जिसके पंजीकरण की प्रक्रिया 1 मार्च से शुरू हो चुकी है।