इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया पर अध्यात्म प्रदर्शन पड़ा भारी

4 जनवरी, 2025 को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी. उस वक्त 30 साल की मौडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थी. पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया से पत्रकारों ने साध्वी बनने पर जब सवाल किया तो उस का जवाब था, 'मैं ने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है. मैं ने वह सब छोड़ दिया जो मुझे आकर्षित करता था.'
इस के बाद हर्षा सुर्खियों में आ गई. वह ट्रोलर्स के भी निशाने पर है. मीडिया चैनलों ने उसे 'सुंदर साध्वी का नाम दे दिया. हर्षा ने मीडिया के सामने सफाई दी कि वे साध्वी नहीं है, केवल शिक्षा ग्रहण कर रही है. भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं है.
वह बोली, 'मैं ने अपनी पुरानी तसवीरों के बारे में स्पष्ट किया है. अगर मैं चाहती तो उन्हें डिलीट कर सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया. यह मेरी यात्रा है. मैं युवाओं को बताना चाहती हूं कि किसी भी मार्ग से आप भगवान की ओर बढ़ सकते हैं.'
जब मीडिया ने उसे टारगेट करना शुरू कर दिया और संगम में शाही स्नान को ले कर उस पर विवाद हुआ तो मीडिया के सामने वह रोते हुए अपनी सफाई देती नजर आईं, बोली, 'अब बहुत हो रहा है. मैं ने सोचा था कि 144 साल बाद यह पूर्ण महाकुंभ आया है. मैं बहुत सी उम्मीदें ले कर आई थी. शायद यह जिंदगी का पहला और आखिरी पूर्ण महाकुंभ है. मैं ने सोचा था कि पूज्य गुरुदेव के सान्निध्य में धर्म, संस्कृति और कुंभ के बारे में जानूंगी.
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सेक्सुअल हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स सैक्स अब टैबू नहीं रह गया
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