अम्ल, क्षार और pH आयनीकरण से लेकर बफर घोल तक
Shaikshanik Sandarbh|March - April 2021
विज्ञान में पढ़ाई जाने वाली कई 'अवधारणाओं के समान उत्तरोत्तर विकास का विचार अम्ल और क्षार की अवधारणा पर भी लागू होता है। इसका मतलब है कि हम एक ही अवधारणा से बार-बार विभिन्न स्तरों पर मुलाकात करते हैं और अपनी समझ को तराशते जाते हैं। स्कूलों में इस विषय को बहुत ही चलताऊ ढंग से पढ़ाया जाता है, उससे सम्बन्धित अवधारणाओं को गहराई से टटोलने की कोशिश करता है यह आलेख। उम्मीद है कि इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे आयनीकरण pH का निर्धारण करता है और किसी भी जलीय घोल की pH से तय होता है कि वह अम्ल की तरह बर्ताव करेगा या क्षार की तरह।
उमा सुधीर
अम्ल, क्षार और pH आयनीकरण से लेकर बफर घोल तक

This story is from the March - April 2021 edition of Shaikshanik Sandarbh.

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