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जौनपुर
इतिहास की गोद में ऊंघता-सा एक शहर है, उत्तर प्रदेश का जौनपुर। पुराने शहरों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वे किसी मील के पत्थर से यू टर्न लें और सभ्यता की सामान्य दिशा से उल्टी दिशा में चल पड़ें।
समय की गति की परख
इस संग्रह का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि कवि यहां अस्तित्ववाद के प्रश्नों से रूबरू होते हैं। निजी और वृहत्तर तौर पर जीवन को इस विमर्श के घेरे में लाकर कवि अस्तित्व से संबंधित प्रश्नों का उत्तर पाने का प्रयास करता है।
प्रकृति का सान्निध्य
वरिष्ठ कवयित्री सविता सिंह का नया संग्रह ‘वासना एक नदी का नाम है’ स्त्री-विमर्श को नई ऊंचाई पर ले जाता है।
आजाद तवायफ तराना
तवायफों पर आई नई वेबसीरीज हीरामंडी ने फिर कोठेवालियों और देवदासियों के साथ हिंदुस्तानी सिनेमा के रिश्तों की याद दिलाई
अगला द्रोण कौन
टीम इंडिया में अर्जुन तो बहुत, उन्हीं को संवारने के लिए एक ऐसे कोच की तलाश, जो टीम को तकनीकी-मानसिक मजबूती दे सके
ममता दीदी की दुखती रग
इस चुनाव में अपनी पार्टी के नेताओं का भ्रष्टाचार ही ममता की सबसे बड़ी चुनौती
हवा का रुख दोतरफा
ईडी की कार्रवाइयों और जनता के मुद्दों पर टिका है चुनाव
तीसरी बारी क्यों
विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार और संविधान बदलने तथा आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर देश की जनता को गुमराह नहीं कर सकता
क्या बदलाव होने वाला है?
इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सवर्णों को अपने धर्म और वर्चस्व की चिंता दिख रही है, तो अवर्ण समाज के दिल को संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा छू रहा
किस ओर बैठेगा जनादेश
बड़े राज्यों में कांटे के मुकाबले के मद्देनजर 4 जून को नतीजों के दिन ईवीएम से निकलने वाला जनादेश लगातार तीसरी बार एनडीए को गद्दी सौंपेगा या विपक्षी गठजोड़ 'इंडिया' के पक्ष में बदलाव की बानगी लिखेगा, यह लाख टके का सवाल देश की सियासत की अगली धारा तय करेगा
मंडी के अलावा हम एकाध सीट और जीतेंगे
इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह 'सुक्खू' की चौदह महीने पुरानी सरकार भारतीय जनता पार्टी की तख्तापलट की कोशिशों के सामने बाल-बाल बच गई थी जब भाजपा ने बड़ी सफाई से राज्यसभा के चुनाव में सुक्खू के विधायकों से क्रॉस वोटिंग करवा लिया था। इस चक्कर में सत्तारूढ़ कांग्रेस अप्रत्याशित उठापटक का शिकार हो गई थी। युवा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे ने संकट को और बढ़ा दिया। पार्टी के भीतर चले सत्ता-संघर्ष के बीच मुख्यमंत्री सुक्खू ने गजब का धैर्य दिखाया और उन्होंने उत्तर भारत में कांग्रेस की इकलौती सरकार को अस्थिर करने की तमाम कोशिशों को धता बता दिया। अब लोकसभा चुनाव और छह विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव उनके लिए लिए नई चुनौती है। आउटलुक के अश्वनी शर्मा ने राज्य में चुनावी परिदृश्य और उसके बाद की संभावनाओं पर उनसे बात की।
'चुनाव जनता और सरकार के बीच है'
हरियाणा में 2019 में सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार भी मोदी मैजिक के भरोसे है जबकि कांग्रेस को इस बार हरियाणा में बड़ा बदलाव दिख रहा है। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि मैजिक के बजाय हरियाणा में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे हैं जिनके आगे कोई मैजिक चलने वाला नहीं है इसलिए जनता ने भाजपा को चलता करने का मन बना लिया है। पार्टी की कमान इस बार पूरी तरह पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ है। 25 मई को हरियाणा में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है? जनता कांग्रेस को वोट क्यों दे? ऐसे तमाम मसलों पर एसोसिएट एडिटर हरीश मानव ने चार बार के सांसद तथा पांच बार विधायक रहे हुड्डा से बातचीत की। प्रमुख अंश:
किसान, जवान, युवा कसौटी
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल से लेकर भाजपा के दिग्गज नेताओं को गांवों से लौटा रही जनता इस बार बदलाव के मूड में
दल बदलुओं का दलदल
हर दल से खड़े हुए दल बदलू उम्मीदवारों ने चुनाव को चौतरफा, दिलचस्प और अनिश्चित बना दिया है
ईवीएम बंद, बेचैनी बढ़ी
कांग्रेस ले पाएगी पिछले हार का बदला या भाजपा होगी कामयाब? महिला वोटरों के मतदान में 12 प्रतिशत गिरावट से नतीजों को लेकर शंकाएं
नतीजे चौंका सकते हैं
बढ़ा हुआ मतदान किसी एक राजनैतिक दल और उसके उम्मीदवार के पक्ष में जा सकता है
'झंडा सलामी गीत' और राष्ट्रीयता का विचार
1857 का विद्रोह कभी भी सीधा और सरल विचार नहीं रहा, इसके मूल राष्ट्रीयता का विचार था, जिसे याद करना आज अधिक प्रासंगिक है
जाति और जनतंत्र
पत्रकार और इतिहासकार अरविंद मोहन की जातियों का लोकतंत्र शृंखला की महत्वपूर्ण पुस्तक है, जाति और चुनाव। विशेष कर 18वीं लोकसभा के चुनाव के मौके पर इसका महत्व और बढ़ जाता है।
बिसात पर भारत की धाक
देश के प्रतिभावान खिलाड़ी इस खेल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं और नई-नई प्रतिभाओं की आमद हो रही है
परदे पर राम राज की वापसी
आज राम रतन की चमक छोटे और बड़े परदे पर साफ दिख रही है, हर कोई राम नाम की बहती गंगा में हाथ धोना चाहता है
ईवी बिक्री की धीमी रफ़्तार
कीमतें घटने के बावजूद इलेक्ट्रिक गाड़ियों की उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ी
उखड़ते देवदार उजड़ती शिमला
पहाड़ों की रानी शिमला आधुनिक निर्माण के लिए पेड़ों की भारी कटाई से तबाह होती जा रही, क्या उस पर पुनर्विचार किया जाएगा
कंगना का चुनावी कैटवॉक
मंडी का सियासी अखाड़ा देवभूमि की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा
जोर दोनों तरफ बराबर
दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक केंद्रीय मंत्री के लिए चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल, लेकिन मतदाताओं की उदसीनता बनी चुनौती
बागियों ने बनाया रोचक
बागियों और दल-बदल कर रहे नेताओं के कारण इस बार राज्य में चुनाव हुआ रोचक, दारोमदार आदिवासी वोटों पर
एक और पानीपत युद्ध
भाजपा की तोड़ में हुड्डा समर्थकों और जाति समीकरणों पर कांग्रेस का दांव
संविधान बना मुद्दा
यूपी में वोटर भाजपा समर्थक और विरोधी में बंटा, पार्टी की वफादारी के बजाय लोगों पर जाति का दबाव सिर चढ़कर बोल रहा, बाकी सभी मुद्दे वोटरों की दिलचस्पी से गायब दिख रहे
तेजस्वी चुनौती
राजद के लिए इस बार लोकसभा चुनाव करो य मरो वाला, एनडीए में नेताओं की फौज के मुकाबले अकेले डटे पूर्व उप-मुख्यमंत्री क्या चुनौती पर खरे उतरेंगे
करो या मरो के मैदान
आम चुनाव के अगले चरणों में सबसे ज्यादा सीटों वाले चार राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के क्षेत्रीय दल क्या भाजपा के अजेय कहे जाने वाले रथ को रोक कर सियासी हवा बदल पाएंगे?
बनारस में विरोधाभासी रंग
प्राचीन शहर को दो बार के सांसद नरेंद्र मोदी अपनी छवि और विकास में ढाल रहे, लेकिन बड़ा हिस्सा उपेक्षित