प्रस्तावना: पशुधन क्षेत्र वैश्विक खाद्य प्रणाली का एक स्तम्भ है। गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा और कृषि विकास में पशुपालन, महत्वपूर्ण योगदान देता है। एक कृषि प्रधान देश के रूप में भारत, विश्व में एक बड़ी पशुधन आबादी के साथ सबसे ऊपर है। भारतीय कृषि, कुल सकल घरेलु उत्पाद में 14 प्रतिशत योगदान देती है और इस योगदान का भी 29 प्रतिशत अकेले पशुपालन क्षेत्र से है। टिकाऊ खाद्य प्रणालियों में पशुधन क्षेत्र एक प्रमुख भूमिका निभाता है - उदाहरण के लिए, खाद जो कि प्राकृतिक उर्वरक का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है, जबकि भारवाहक के रूप में उपयोग किए जाने वाले पशुधन कम मशीनीकरण वाले क्षेत्रों में उत्पादकता को बनाये रखने या बढ़ावा देने में मदद करते हैं। प्रतिकूल वातावरण वाले क्षेत्रों में, पशुधन अक्सर प्राकृतिक संसाधनों को स्थाई रूप से भोजन व रेशे में परिवर्तित कर सकने वाला तथा स्थानीय समुदायों के लिए कार्यशक्ति के रूप में उपलब्ध एकमात्र जरिया होता है। पशुपालन, टिकाऊ कृषि का एक महत्वपूर्ण घटक है। पर्यावरण के दीर्घकालिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आवश्यक पशु उत्पाद प्रदान कर वैश्विक खाद्य उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालाँकि, पशुपालन का अभ्यास चुनौतियों और बाधाओं से भरा हुआ है। इन चुनौतियों का समाधान करके और स्थायी प्रथाओं को लागू करके, हम कृषि और पर्यावरण प्रबंधन के बीच अधिक सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं। इस आलेख में इन्ही चुनौतियों के समाधान और स्थाई प्रथाओं को लागू करने संबंधी उपायों की चर्चा विस्तार में की गयी है।
पशुपालन से जुड़ी विषमताओं व उनके निराकरण संबंधी उपाय: सतत कृषि में पशुपालन को अपनाने में मदद कर सकने वाले कई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष संभव उपाय हैं। इनमें से कुछ उपाय नीचे दिए गए हैं:-
This story is from the 1st September 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.
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कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।