कोर्टेवा एग्रीसाइंस ने आईसीएआर के सहयोग से पर्ल मिलेट की किस्मों पर किया रिसर्च
Modern Kheti - Hindi|November 01, 2023
बढ़ती वैश्विक आबादी और जलवायु परिवर्तन की चिंताओं के बीच कोर्टेवा एग्रीसाइंस, इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (आईसीआरआईएसएटी) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने आपसी सहयोग से एक रिसर्च प्रोडक्ट पूरा किया है। इस रिसर्च ने पर्ल मिलेट जीनोम की रिसिक्वेसिंग कर मील का पत्थर हासिल किया है। इसके जरिये नए मॉलिक्युलर मार्करों के विकास को बढ़ावा मिला है जिससे असाधारण उपज और बेहतर पोषण गुणवत्ता के साथ बाजरा की किस्मों के विकास का रास्ता खुल गया है।
कोर्टेवा एग्रीसाइंस ने आईसीएआर के सहयोग से पर्ल मिलेट की किस्मों पर किया रिसर्च

अब तक बाजरा की दुनिया में विश्वसनीय डीएनए मार्करों का अभाव था। हालांकि, इस सहयोग से उच्च गुणवत्ता वाली तीन प्लैटिनम-ग्रेड जीनोम असेंबली सामने आई है जो सक्रिय वैश्विक प्रजनन जर्मप्लाज्म का प्रतिनिधित्व करती है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि पहले प्रकाशित आंकड़ों की तुलना में 7000 गुना सुधार दर्शाती है। नए पहचाने गए डीएनए मार्कर वैश्विक स्तर पर बाजरा की उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण रोडमैप है जिसमें खाद्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के दूरगामी प्रभाव हैं।

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