
हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है जिसमें कृषि संपूर्ण देश की आर्थिकता का धुरा है। यहां की 60 प्रतिशत के लगभग आबादी कृषि व्यवसाय पर ही अपने रोजगार के लिए निर्भर करती है। विशेष तौर पर हरियाणा व पंजाब के किसानों की कृषि विकास में निभाई जिम्मेदारी से पूरा देश परिचित है। इनके परिश्रम के कारण ही देश अन्न के लिए आत्मनिर्भर हुआ है। परन्तु आज गेहूं-धान का फसली चक्र लाभकारी नहीं रहा अथवा कहा जा सकता है कि गेहूंधान के फसली चक्र में लागतों में अथाह वृद्धि हो रही है। उसके मुकाबले आमदनी दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है जिससे कृषि आर्थिक संकट से गुजर रही है।
इसके साथ-साथ कृषि व्यवसाय में मजदूरों की कमी के कारण मशीनीकरण बढ़ने के कारण मशीनें खरीदना किसानों के लिए बहुत आवश्यक हो गया है। मशीनें भी बहुत महंगी हैं जिनको खरीदना प्रत्येक किसान के लिए बहुत मुश्किल है।
खेती में मशीनीकरण बढ़ने का एक बड़ा कारण यह भी है कि मनरेगा स्कीम के लागू होने के कारण कृषि मजदूरों की कमी बढ़ती जा रही है। दूसरा कृषि परिवार छोटे होने के कारण इन परिवारों में काम करने वाले मजदूरों की भी कमी हो रही है। ऐसे समय में कृषि व्यवसाय को आसान एवं लाभकारी बनाने के लिए नये मशीनरी यंत्रों की भी मांग बढ़ रही है।
Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin November 15, 2023 sayısından alınmıştır.
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कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया
ओडिशा के कोरापुट जिले की 36 वर्षीय आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
बढ़ती हुई जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए अधिक उत्पादन जरुरी है, प्रत्येक फसल के बाद भूमि में पोषक तत्वों की जो कमी आती है, उनकी पूर्ति करना आवश्यक है, वरना भूमि की उपजाऊ शक्ति व पैदावार में कमी आयेगी।

फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी
कंपनियों के झूठे प्रचार ने पंजाबियों को दूध, लस्सी और घी से दूर कर दिया है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पुरानी बात हो गई है।

गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है।

"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"
कृषि उत्पाद के लिये बीज मूल्यवान एवं असरदार माणिक्य है।

नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे
किसानों एवं सरकार को हर वर्ष पारंपरिक दानेदार यूरिया खाद की कमी से जूझना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो जब यूरिया की निर्विघ्न सप्लाई हुई हो।

घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन
परिचय : अरवी की खेती उत्तरी भारत में नगदी फसल के रूप में की जाती है। इससे प्राप्त घनकंदों तथा गांठों का प्रयोग शाक की तरह करते हैं।

पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका
परागण किसी भी पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिससे निषेचन और बीज निर्माण की प्रक्रिया पूरी होती है।

केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित
केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गुद्दा लाल की बजाये ऑरेंज कलर का है।

कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक
सूरजमुखी विश्व की प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका मूल स्रोत उत्तरी अमेरिका है।