लतिका कोई निर्णय नहीं ले पा रही थी और उसे समझ नहीं आ रहा था कि किसे अपनी समस्या बताए? तभी उस ने अपनी बड़ी बहन के बारे में सोचा और वह श्रेया के साथ कीर्ति से मिलने गई.
कीर्ति अखबार पढ़ रही थी. जब उस ने दोनों को साथ आते देखा तो अखबार एक तरफ रख कर बोली, “आओ बैठो, श्रेया और लतिका, आज तुम कुछ उदास दिख रही हो. क्या बात है?”
श्रेया ने कहा, “लतिका आप से कुछ पूछना चाहती है?”
“हूं,” कीर्ति ने कहा, “तभी कुछ उदास लग रही है. कहो, क्या पूछना है?” कीर्ति ने लतिका की ओर देखा.
“कीर्ति दीदी, मेरे स्कूल का कैंप पर्वतारोहण के लिए जा रहा है, लेकिन मैं एक लड़की हूं. क्या उस के लिए जा सकती हूं?”
“हां, जा सकती हो,” कीर्ति ने कहा, "हर क्षेत्र में लड़कियां बेहतर काम कर सकती हैं. यदि सब से पहली भारतीय पर्वतारोही बछेंद्री पाल ऐसा सोचती तो वह कभी इतिहास में नाम नहीं लिखा सकती थी.”
यह सुन कर लतिका खुश हो गई. उस ने कहा, “तब तो आज आप बछेंद्री पाल की कहानी सुनाइए, ताकि मैं मम्मी को उन की कहानी सुना बता सकूं कि पर्वतारोहण के लिए लड़की भी जा सकती है.”
“तो सुनो,” कीर्ति ने कहा, "उत्तरकाशी के नकुरी गांव में किशनसिंह पाल के घर में एक बच्ची ने जन्म लिया. उस का नाम था, बछेंद्री पाल,” श्रेया ने कहा.
“हां,” कीर्ति बोली, “उन का परिवार मेहनती किसान परिवार था. उन की मां हंसादेवी भी खेत में हाथ बंटाती थीं. जिस का असर बछेंद्री पाल पर भी पड़ा. इस कारण कड़ी मेहनत करना उन की आदत में शुमार हो गया था.
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बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...