हराभरा घर
Champak - Hindi|June Second 2023
बच्चों की कहानी
मुग्धा पांडे
हराभरा घर

राजीव इस बार गरमी के अवकाश में नानानानी के घर गया था. नानी का घर बिहार के बहुत सुंदर गांव मखनिया में था. राजीव मुंबई में रहता था, इसलिए अवकाश मिलते ही वह बेचैन था कि कब नाना के गांव पहुंचे हालांकि नाना के गांव के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं थी.

"अभी कुछ समय है, राजीव," उस के मांबाप ने कहा.

वे ट्रेन से उतरे और फिर बस से आगे गए. रास्ते में आम और लीची के फलों से लदे बगीचे बहुत अच्छे लगे.

एक दिन सुबह ही राजीव और उस के नानाजी घूमने निकल गए. उस ने नानाजी से पूछा, "नानाजी, मेरे मातापिता तो औफिस जाते हैं. काम करते हैं. आप का दफ्तर कहां है?"

यह सुन कर राजीव के नानाजी हंसतहंसते लोटपोट हो गए. वे बोले, "राजीव, यही तो मेरा औफिस है."

"कहां है, नानाजी?" राजीव ने पूछा और इधरउधर ने देखने लगा.

"अरे, यह खेत, यह बगीचा, यह कुआं यह सब," उस के नानाजी ने कहा.

"अच्छा नानाजी," राजीव ने कहा और उन की तरफ देखने लगा. नानाजी ने उसे पकी हुई लीची का एक गुच्छा तोड़ कर दिया, "यह ताजी लीची खाओ, राजीव."

राजीव छिलका उतार कर खाने लगा.

नानाजी बोले, "राजीव, मैं तुम्हें एक बात कहूं. मुझे  खेत और बगीचे बहुत पसंद हैं. कुछ पेड मुझे पेड मुझे ज्यादा पसंद हैं. जैसे आम और लीची के."

"नानाजी, खेतों में बहुत काम होता है, " राजीव बीच मे ही बोल पड़ा.

"अरे, इतना भी नहीं, बस, उतना ही जितना आप के " मातापिता करते हैं.'

"अच्छा," राजीव ने जवाब दिया.

"लेकिन हम अपने खेतों में काम करते हैं. पेड़ पौधे लगाते हैं. हम लोग शहर में बगैर हरियाली के बिलकुल भी नहीं रह सकते हैं. देखो, खेत में तरहतरह के पशु होते हैं. गाय, बकरी, भैंस और बैल, वह देखो, " नानाजी उस को दिखाते रहे और राजीव सुन रहा था. नानाजी बोले, "ये खेत साल में हमें दोतीन बार अनाज देते हैं."

"यह बहुत अनाज पैदा करते हैं, नानाजी."

"हां, बेटा, जैसे गेहूं, धान, मक्का, चना, बाजरा आदि, " नानाजी ने कहा.

"आप अपने पौधों को पानी कैसे देते हैं, नानाजी?" राजीव ने पूछा.

"उस नहर को देखो."

"अरे, हां, मैं ने देखा है," राजीव ने जवाब दिया.

" और बारिश के पानी से यह दो बड़े पोखर भरे हुए हैं, " नानाजी ने खुलासा किया.

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