मेघराज ने सिंहासन पर बैठते ही महासचिव को आदेश दिया, "महामंत्री क्लाउडी, सभा की कार्यवाही शुरू की जाए."
"महाराज, यह मानसून का मौसम है. मानसूनी बादल अपनअपने क्षेत्रों में उड़ने और बरसने के लिए तैयार हैं. बस, उन्हें आप के आदेश की प्रतीक्षा है."
"लेकिन महासचिव क्लाउडी, क्या वितरण मंत्री रेनी ने फाइल तैयार कर ली है?"
तभी वितरण मंत्री रेनी वहां अपनी फाइल ले कर उपस्थित हुई और बोली, "महाराज की जय हो. मैं ने फाइल तैयार कर ली है."
"रेनी, फाइल पढ़ कर सुनाओ कि हमें इस बार किस हिस्से में कितने बादल भेजने हैं जिस से धरती पर किसी को भी पानी की कमी न रहे."
रेनी ने फाइल पढ़ते हुए मेघराज को बताया, "महाराज, हरित वन हराभरा है. वहां के पेड़ खुशी से झूम कर बादलों का स्वागत करते हैं, इसलिए वहां जा कर हमारे बादल भी खुशी से झमाझम बरसते हैं. वहां हमें ढेर सारे बादल भेजने होंगे."
"और आगे क्या 3 लिखा है तुम्हारी फाइल में, रेनी?"
"महाराज, चंपकवन की भूमि बहुत उपजाऊ है. वहां के किसान बड़े मेहनती हैं. वे बादलों के स्वागत के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. उन की अच्छी फसल के लिए भी हमें वहां पर्याप्त संख्या में बादल भेजने होंगे."
"लेकिन रेनी, पहाड़ों पर बसे सुंदरवन के बारे में तुम्हारी फाइल क्या कहती है?"
"महाराज, सुंदरवन तो हमारा प्रिय वन है. वहां तो हमारे बादल पहाड़ों से टकरा कर खूब बारिश करते हैं. पहाड़ों में वन्यजीव भी खूब होते हैं. हमें सब का खयाल रखना होता है. वहां तो हमारे बादल जरूर जाएंगे," इतना कह कर रेनी चुप हो गई.
तब महाराज कुछ सोच कर बोले, "लेकिन रेनी, तुम ने किसी रेगिस्तानी इलाके का जिक्र नहीं किया, ऐसा क्यों?"
रेनी दुखी हो कर बोली, "महाराज, वहां हमारे बादलों का कोई स्वागत नहीं होता. वहां के राजा हंपू ऊंट ने 'पेड़ काटो अभियान' चला रखा है. पूरा रेगिस्तान हरेभरे पेड़ों से लगभग खाली हो चुका है. वहां से प गायब हो चुके हैं और वन्यजीव पलायन करने को मजबूर हो गए हैं."
"अरे, ऐसा कैसे हो गया, रेनी?"
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बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
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\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...