कैथी अपनी डैस्क पर सिकुड़ गई. वह अपने आंसुओं को रोकने को तैयार थी. वह नहीं चाहती थी कि उस के सहपाठी उसे रोते हुए देखें. अपने घर की सीमा में अपने दोस्तों से सुरक्षित रूप से दूर, , कैथी दहाड़े मार कर रोने लगी. स्कूल के बाद जब तारा उसे स्कूल के मैदान में खींच कर ले गई, तो कैथी ने उसे धक्का दे दिया, “तुम झूठे और धोखेबाज हो. मैं अब तुम्हारी दोस्त नहीं हूं.”
तारा हैरान थी. यह किस के बारे में था? कैथी का मूड खराब क्यों था? तारा ने स्थिति को आसान बनाने का फैसला किया.
"कैथी, मैं ने जो कुछ भी किया है उस के लिए मुझे खेद है. मुझे नहीं पता था कि तुम नाराज क्यों हो. लेकिन मुझे अफसोस है. मुझे बताओ, यह किस के बारे में है और हम इस पर काम कर सकते हैं."
कैथी ने अपना हाथ तारा की पकड़ से छुड़ा लिया और गुस्से में घर वापस चली गई. तारा ने उस का पीछा किया, लेकिन कैथी ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया. उस ने आमतौर पर पहले की तरह अलविदा नहीं कहा, न ही जब घर वापस पहुंची तो वह उस से विशेष रूप से हाथ मिलाने में शामिल हुई. तारा ने तब तक इंतजार किया जब तक कैथी अंदर नहीं चली गई और दरवाजा बंद कर दिया. वह आह भरते हुए आगे बढ़ी और बगल वाले घर में चली गई.
कैथी ने स्नैक्स वाली अलमारी खोली और जब उस ने अपना पसंदीदा क्रीम बिस्कुट देखा तो उस की आंखें चौड़ी हो गईं. तारा ने कैथी की मम्मी को बगीचे में मदद करने के बदले इसे खरीदने के लिए मना लिया था. "ठीक है, मैं अकेले ही बिस्कुट का मजा लूंगी. तारा झूठी है, यह उस के योग्य नहीं है."
कैथी ने एक को बाहर निकाला, लेकिन फिर उसे वापस रख दिया. तब उस का इसे खाने का मन नहीं हुआ. उसने कंधे उचकाए और टैलीविजन देखते समय बाद में बिस्कुट खाने का फैसला किया.
"दादी, मैं पार्क जा रही हूं," कैथी ने पुकारा और घर के सामने वाले पार्क की ओर भागी. वहां लोग पहले से ही खेल रहे थे. "क्या मैं तुम्हारे साथ शामिल हो सकती हूं?" कैथी ने लड़कियों के एक समूह से पूछा.
"अरे, माफ करो, हम ने पहले ही अपनी टीमें बना ली हैं और हमारे पास किसी अन्य के लिए जगह नहीं है. अगली बार शामिल होना, ठीक है?" उन में से एक ने कहा. कैथी पीछे हट गई, उस के कंधे झुक गए.
"कैथी, आओ, थ्रो बौल खेलें,” तारा हाथ में गेंद लिए दौड़ती हुई आई.
This story is from the August First 2024 edition of Champak - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the August First 2024 edition of Champak - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...