आइए, रोबोटिक्स मार्बल्स से मिलिए

प्रतियोगिता
फर्स्ट ग्लोबल चैलेंज हाईस्कूल के छात्रों के लिए रोबोटिक्स ओलिंपिक था, जिस में 193 देशों की टीमों ने भाग लिया. हर वर्ष टीमों को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ता है और इस वर्ष चुनौती एक ऐसे रोबोट को डिजायन करने की थी, जो वास्तविक दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला समस्याओं जैसी बाधाओं को पार करते हुए जल, ऊर्जा और भोजन जैसे संसाधनों को इकट्ठा और वितरित कर सके.
टीम इंडिया और उनका रोबोट
टीम इंडिया के रोबोट में 4 मुख्य घटक शामिल है, जिन में चेसिस, कैस्केड और एलिवेटर, डिलीवरी सिस्टम और इनटेक. इसे प्रतियोगिता की सख्त आकार संबंधी सीमाओं को पूरा करना था, इसे 50X50X50 सेंटीमीटर फ्रेम के भीतर फिट होने वाली प्रतिस्पर्धा की सख्त आकार की बाधाओं हो पूरा करना होगा, जो पानी (नीला) ऊर्जा (हरी) का प्रतिनिधित्व करने वाली 500 ग्राम गेंदों को इकट्ठा करना है. भोजन (नारंगी) लें और उन्हें लक्ष्यों के प्रतीक के रूप में निर्दिष्ट बक्सों में डालें.
रोबोट बनाने में चुनौतियां
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मिहिर की पूंछ
मिहिर केवल 9 साल का था, लेकिन अपनी तेज बुद्धि और मजेदार अंदाज के लिए वह जाना जाता था. उस की एक बुरी आदत थी कि वह बड़े-बड़े वादे करता था, लेकिन उन्हें कभी निभाता नहीं था.

हिप्पो कब जाएंगे
क्लोई और जोई हिरण बहनें थीं और एमरल्ड तालाब के पास बसंत में पहली बार तितलियों के साथ खेल रही थीं. अचानक उन्होंने दूर से एक दरियाई घोड़े को आते देखा.

अच्छा पड़ोसी
रविवार की सुबह थी. अभी पौ भी नहीं फटी थी. गिगी जिराफ और बौब भालू, जो और्गेनिक खेती करने वाले पड़ोसी थे और शहर के बाहर ही रहते थे. वे अपने खेतों की ओर तेजी से जा रहे थे. उन के घर एकदूसरे के घर से सटे हुए थे.

बरगद के पेड़ का भूत
चंंपकवन की यह शाम ठंडी और धुंध भरी थी और जंगल असामान्य रूप से शांत था. इतना ही नहीं, चहचहाते झींगुर भी शांत हो गए थे. चीकू खरगोश और मीकू चूहा, स्कूल में एक दिन बिताने के बाद लौट रहे थे और आनंदवन में होने वाली खेल प्रतियोगिता के बारे में बातें कर रहे थे.

खोया हुआ दोस्त
मंची कैटरपिलर और बैडी सेंटीपीड बहुत अच्छे दोस्त थे. उन दोनों के कई पैर थे और उन्हें हरीभरी घास के बीच एकदूसरे के साथ दौड़ लगाना पसंद था.

मिशन अखरोट
बसंत के आगमन के साथ, ब्लूहिल वन गतिविधि से गुलजार हो गया था. जानवर और पक्षी अपने वार्षिक वसंत मेले की तैयारी में व्यस्त थे.

बुरा न मानो होली है
होली दो दिन बाद आने वाली थी और मिली मीरकैट, रोहित रैकून, पोपो पैराकीट और हसन हेजहोग इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि त्योहार कैसे मनाया जाए.

रंगों और पकवानों के साथ होली
“होली रे होली, होली आई रे,” चेतन की दादी के आंगन में खुशी की धुनें गूंज रही थीं। बच्चे इधरउधर दौड़ रहे थे, एकदूसरे पर रंग फेंक रहे थे। उन में से कुछ खंभों के पीछे छिप कर रंगों से बचने की कोशिश कर रहे थे। गुलाल, फूटते पानी के गुब्बारों और पानी की पिचकारियों के रंगबिरंगे स्प्रे से पूरे आंगन में अफरातफरी का माहौल था.

हर्बल होली
होली नजदीक आ रही है. चलो, इस बार कुछ अलग करते हैं,” डिंकी हिरणी ने अपनी सहेलियों से कहा.

गजरू की होली
नंदनवन में होली की तैयारियां जोरों पर थीं, हर जानवर शैतानी से होली की मस्ती की योजना बना रहा था. रंग, गुलाल, पानी के गुब्बारे सबकुछ तैयार किए जा रहे थे, लेकिन एक बार फिर गजरू छछंदर सब से बड़ी बाधा बन गया था.