5 जनवरी, 2023 को सुबह से ही सुप्रीम कोर्ट के अहाते में लोगों की चहलकदमी बढ़ गई थी. उस दिन कोई 1-2 नहीं बल्कि पूरे 50 हजार लोगों से जुड़ा एक फैसला आने वाला था. सुबह से ही मीडियाकर्मी व अन्य लोग कोर्ट के बाहर जमा हुए थे.
यह मामला कई हजार लोगों के आशियानों के टूटने की आशंकाओं से जुड़ा हुआ था, जिस के लिए 9 दिन से हजारों लोग अपना आशियाना बचाने को हाड़ कंपाने वाली सर्दी का मुकाबला करते हुए दिनरात दुआएं मांगने में लगे थे. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सुनने के लिए कोर्ट परिसर में सैकड़ों लोग जमा थे.
5 जनवरी, 2023 को न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा निर्धारित समय पर अपनी कुरसी पर विराजमान हो गए थे. कोर्ट की काररवाई शुरू होते ही तीनों न्यायाधीशों ने इस मामले से संबंधित फाइल देखी.
इस के बाद मुख्य न्यायाधीश ने नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'इस तरह से 50 हजार लोगों को रातोंरात उजाड़ा नहीं जा सकता. क्योंकि इस मामले का एक मानवीय पहलू भी है. सवाल यह है कि अगर यह अतिक्रमण बरसों से हो रहा था, तब जिम्मेदार लोग क्या कर रहे थे? फिर अतिक्रमण हटाने की मुहिम में पुनर्वास को नजरंदाज नहीं किया जा सकता."
इस के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने रेलवे के साथसाथ राज्य सरकार को भी एक नोटिस भेजा और मामले की सुनवाई के लिए 7 फरवरी, 2023 तय कर दी. मामले में 7 फरवरी की सुनवाई के लिए तारीख मिलते ही वहां मौजूद लोगों के चेहरे खिल उठे.
यह मामला जुड़ा था हल्द्वानी (उत्तराखंड) के बनभूलपुरा कालोनी व गफूर बस्ती से. ये कालोनियां रेलवे स्टेशन क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं. ऐसा नहीं कि यह आबादी कोई नई हो. लगभग 100-150 सालों से यहां पर हजारों लोग अपने मकान बना कर रह रहे हैं.
वर्ष 1884 में 24 अप्रैल को लखनऊ रेलवे लाइन से से हल्द्वानी को जोड़ा गया, जिस के बाद हल्द्वानी की सूरत ही बदल गई. यह मैदानी भाग के सब से ऊपर का हिल स्टेशन था. लखनऊ शहर से जुड़ते ही हल्द्वानी गुड़, आलू, लकड़ी व खड़िया की सब से बड़ी मंडी बन गई थी. जिस के कारण मैदानी क्षेत्रों से यहां रोजगार की तलाश में काफी लोग आने लगे थे.
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रेप के बाद नर्स का मर्डर
एक तरफ पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डाक्टर के साथ रेप और मर्डर की दरिंदगी का मामला पूरे देश में तूल पकड़े हुए था तो दूसरी तरफ उत्तराखंड में भी वैसी ही बर्बरता का मामला सामने आ गया. ड्यूटी से वापस अपने घर जा रही नर्स का अज्ञात लोगों ने अपहरण कर उस का रेप करने के बाद मर्डर कर दिया.
धार्मिक आयोजन के बाद हत्या
रायबरेली के नसीराबाद थाना क्षेत्र में 11 अगस्त, 2024 को अर्जुन पासी की हत्या धार्मिक आयोजन पर हुए विवाद को ले कर कर दी गई.
5 लाख के लालच में काट लाया सिर
अंधविश्वास में दिल्ली का एक युवक ऐसा फंसा कि उस ने दूसरे युवक की हत्या कर डाली. लालच 5 लाख रुपए बनाने का था, जो तंत्रमंत्र क्रिया पूरी होने के बाद मिलने वाले थे. इस के तहत एक युवक को किसी युवक का सिर काट कर लाने का औफर दिया गया था.
इंटरनैशनल किडनी गैंग
डा. डी. विजया राजकुमारी की देखरेख में चल रहा किडनी गैंग गरीब लोगों की किडनी 4-5 लाख में खरीद कर 35-40 लाख रुपए में बेचता था. आप भी जानें कि गैंग के सदस्य भारत के ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लोगों को किस तरह अपने जाल में फांस कर अपने काम को अंजाम देते थे.
ड्रम के नंबर से सुलझी मर्डर मिस्ट्री
हत्यारे ने 33 वर्षीय धर्मिष्ठा की हत्या कर ड्रम में डाल कर ऊपर से सीमेंट कंक्रीट का घोल भर दिया था, जिस से लाश पूरी तरह से सेट हो गई थी. आखिर, ड्रम के नंबर के आधार पर पुलिस हत्यारे तक पहुंच ही गई. कौन था हत्यारा, उस ने धर्मिष्ठा की हत्या क्यों की और लाश ठिकाने लगाने का उस ने ऐसा नायाब तरीका क्यों अपनाया?
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