पुरुषोत्तम मिश्रा का सपना था कि अपनी बेटियों की शादी वे खूब धूमधाम से करेंगे. इस के लिए उन्होंने बाकायदा अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई करीब 24 लाख रुपए बैंक में जमा कर रखी थी. जब बड़ी बेटी की शादी तय हुई तो उन की खुशी का ठिकाना न रहा. वह शादी के लिए दहेज का सामान खरीदने के लिए अपने जमा रुपए निकालने जब बैंक पहुंचे तो पता चला कि उन के अकाउंट में केवल 314 रुपए बैलेंस है. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उन के बैंक अकाउंट से लाखों रुपए कहां गायब हो गए.
54 साल के पुरुषोत्तम मिश्रा नरसिंहपुर जिले के सालीचौका नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले खैरुआ गांव में रहते हैं. अपने गांव में उन का खेतीकिसानी का काम है, इस के साथ ही आसपास के इलाकों में पूजापाठ करने से उन्हें साल भर में अच्छीखासी आमदनी हो जाती है. पुरुषोत्तम मिश्रा के परिवार में पत्नी सहित एक बेटा और 2 बेटियां हैं.
गांवकस्बों में बेटियों की शादी में खूब दहेज देना पड़ता है, तब जा कर कहीं अच्छा रिश्ता मिलता है. इसी बात को ध्यान में रख कर पुरुषोत्तम ने भी अपनी बेटियों के विवाह के लिए धीरेधीरे करीब 24 लाख रुपए की रकम इकट्ठा कर ली थी.
इस जमापूंजी से वह अपनी बेटियों की शादी करना चाहते थे. वह जानते थे कि घर में बड़ी रकम रखना खतरे से खाली नहीं है, इस लिहाज से अपने रुपए उन्होंने सालीचौका जिस का पुराना नाम बाबई कला है, की यूको बैंक में जमा किए हुए थे. उन का सपना था कि इस रकम से वह अपनी दोनों बेटियों का विवाह धूमधाम से करेंगे.
वक्त के साथ उन की बेटियां जवान होने लगीं और उन की बड़ी बेटी पूजा का रिश्ता तय हो गया. 5 जून, 2023 को पूजा की शादी होने वाली थी और इस के लिए उन के परिवार ने शादी की तैयारियां शुरू कर दी थीं. शादी के लिए मैरिज गार्डन, कैटरिंग आदि की बुकिंग के साथ दहेज का सामान लाने के लिए जब पैसों की जरूरत पड़ी तो अप्रैल महीने के आखिरी हफ्ते में वह यूको बैंक की शाखा में अपने रुपए निकालने के लिए पहुंचे.
विदड्राल फार्म में उन्होंने 5 लाख रुपए की रकम भर कर बैंक के कैशियर को दिया तो बैंक कैशियर बोला, "मिश्राजी, आज तो इतने कैश की व्यवस्था नहीं हो पाएगी, 1-2 दिन बाद रुपए ले जाना. अभी जरूरत हो तो 4050 हजार रुपए का विदड्राल भर दीजिए."
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin July 2023 sayısından alınmıştır.
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