पानीपत (हरियाणा) पुलिस के एसपी अजीत सिंह शेखावत उस दिन बेहद उलझन में थे, क्योंकि उन के पास पिछले 2 दिनों से वाट्सऐप पर लगातार एक विदेशी फोन नंबर से मैसेज आ रहा था. मैसेज भेजने वाले ने बताया था कि सदर थाना क्षेत्र की परमहंस कुटिया कालोनी में ढाई साल पहले 15 दिसंबर, 2021 को विनोद बराड़ा नाम के व्यक्ति की घर में घुस कर देव वर्मा उर्फ दीपक नाम के व्यक्ति ने 2 गोलियां मार कर हत्या कर दी थी.
मैसेज भेजने वाले ने खुद को मृतक विनोद बराड़ा का भाई बताते हुए दावा किया था कि उसे शक है कि इस हत्याकांड को देव वर्मा से अंजाम दिलवाया गया है. अगर पुलिस ठीक से जांच करे तो इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड और कारण दोनों सामने आ सकते हैं.
वाट्सऐप मैसेज के कारण उलझन में फंसे एसपी अजीत सिंह ने सीआईए-3 के प्रभारी इंसपेक्टर दीपक कुमार को अपने पास बुलाया और उन्हें मैसेज दिखा कर मैसेज भेजने वाले का पता करने और विनोद बराड़ा नाम के व्यक्ति की हत्या से जुड़ी जानकारी जुटाने के काम पर लगा दिया.
2 दिन बाद सीआईए-3 के इंसपेक्टर दीपक कुमार ने बताया कि वाट्सऐप पर आए ये मैसेज आस्ट्रेलिया के नंबर से भेजे गए थे और वह किसी प्रमोद कुमार का नंबर है. प्रमोद कुमार मृतक विनोद बराड़ा का छोटा भाई है, जो आस्ट्रेलिया में रहता है. इस के अलावा इंसपेक्टर दीपक कुमार ने रिकौर्ड रूम से निकलवाई गई विनोद बराड़ा हत्याकांड की फाइल भी उन के सामने रख दी.
अजीत सिंह शेखावत ने जब हत्याकांड की फाइल का अध्ययन किया तो अचानक ही इस मामले में उन की दिलचस्पी बढ़ने लगी. क्योंकि देखने में यह एक सीधासादा और बदला लेने के लिए हुई हत्या का केस नजर आ रहा था.
दरअसल, हुआ यूं था कि पानीपत शहर में परमहंस कुटिया कालोनी में अपनी पत्नी निधि और एक बेटे व बेटी के साथ रहने वाला विनोद बराड़ा सुखदेव नगर में एक कंप्यूटर सेंटर चलाता था.
5 अक्तूबर, 2021 की शाम विनोद बराड़ा परमहंस कुटिया के गेट पर बैठा था, तभी पंजाब नंबर की एक पिकअप गाड़ी के ड्राइवर ने विनोद बराड़ा को सीधी टक्कर मार दी थी. इस एक्सीडेंट में विनोद की जान तो बच गई, लेकिन उस की दोनों टांगे टूट गईं.
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