29 मार्च, 2024 को एसएचओ शैलेंद्र श्रीवास्तव को सूचना मिली कि उन के क्षेत्र में सिंधौली रोड के किनारे जूट की एक संदिग्ध बोरी पड़ी है. जिस से बदबू भी आ रही है. यह सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई.
पुलिस ने वह बोरी खोली तो उस में 24 मार्च, 2024 से लापता 65 वर्षीय महंत मनीराम दास का टुकड़ों में कटा हुआ शव मिला. पुलिस ने महंत के घर वालों को भी मौके पर बुला लिया. जिन्होंने शव की शिनाख्त महंत मनीराम दास के रूप में कर ली.
जहां पर महंत का शव बरामद हुआ, वहां से 50 मीटर की दूरी पर पैर और कमर के नीचे का भाग बरामद हुआ. महंत मनीराम दास की लाश का दृश्य बड़ा ही भयावह और हृदय को विचलित करने वाला था. पुलिस ने जरूरी काररवाई करने के बाद महंत के शव के टुकड़े पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए.
उस दिन उत्तर प्रदेश के जिला सीतापुर के गांव भूड़पुरुवा की रहने वाली गंगादेवी के घर पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जमा थी. गांव भूपुरवा और आसपास के ग्रामीण काफी संख्या में वहां पर आते चले जा रहे थे. ग्रामीणों की एक लंबी कतार वहां पर गिरधरपुर सूर्यनारायण मंदिर के महंत और तांत्रिक मनीराम दास के दर्शन करने के लिए उतावली थी, क्योंकि लोगों ने सुन रखा था कि तांत्रिक बाबा महंत मनीराम दास के पास हर समस्या का समाधान है.
तभी वहां पर गंगादेवी के बेटे सोनू ने भीड़ को शांत करते हुए घोषणा की, "आप सभी भक्तों का यहां पर स्वागत है. भक्तों, आप को यह जान कर खुशी होगी कि तांत्रिक बाबा मनीराम दासजी अभी तक समाधि पर थे, लेकिन अब बाबाजी की समाधि टूट गई है और अब कुछ ही पलों में आप सभी को दर्शन देंगे फिर वह आप की समस्याओं का समाधान करेंगे. आप सभी भक्तों से मेरी प्रार्थना है कि आप धैर्य बनाए रखें और अपनी बारी की प्रतीक्षा करें."
भीड़ के बीच में से कुछ श्रद्धालु सोनू की बातों को सुन कर बड़े खुश हो गए थे और तांत्रिक बाबा का नाम ले कर उन की जय जयकार करने लगे थे.
अगले ही पल आंगन में एक ऊंचे स्थान पर एक बड़ी सी कुरसी रख दी गई थी और फिर कुछ समय के बाद तांत्रिक महंत मनीराम दास भक्तों को आशीर्वाद दे कर अपनी कुरसी पर बैठ गए थे.
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