पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता शहर में आर. जी. कर मैडिकल अस्पताल (राधा गोविंद कर मैडिकल कालेज ऐंड हौस्पिटल) 10 अगस्त की सुबह सुबह सुर्खियों में आ गया था. कुछ घंटे पहले की शांति भंग हो चुकी थी. पूरे शहर में कोहराम मचा हुआ था. गलीनुक्कड़ की चाय की दुकानों पर सुबह के चाय की चुस्कियां लेते लोगों के होंठ और जीभ जलने लगे थे. उनकी जुबान अनहोनी घटना की चर्चाओं से छिलने लगी थी.
दरिंदों ने लड़की को रौंद डाला! गैंग रेप! मर्डर! और शासनप्रशासन, सरकार...कानून को लात मारता वहशीपन...हैवानियत...बेखौफ दरिंदगी...आदि से असुरक्षित बेटियों की सुरक्षा को ले कर चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आई थीं.
अस्पतालों में सुबह की पहली पाली की ड्यूटी पर जाने को निकले स्वास्थ्यकर्मियों का मन बेचैन था. दिमाग में खलबली मची हुई थी. फूट पड़ने वाले गुस्से का उबाल उठने लगा था. आसमान में सूरज के चढ़ते ही अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई थीं.
इंडियन मैडिकल एसोसिएशन ने अहम बैठक कर देशव्यापी हड़ताल की घोषणा कर दी थी...और फिर इस वारदात ने तेजी से पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया. क्या प्रिंट और क्या इलैक्ट्रोनिक मीडिया, इंटरनेट की वेब और सोशल मीडिया में डाक्टरों का गुस्सा उबाल पर आ गया था.
मामला अस्पताल की एक 31 वर्षीया ट्रेनी महिला डाक्टर के साथ ड्यूटी के दरम्यान रेप व मर्डर का था. फिर इस पर जो कुछ लगातार होने लगा, उस की तारीखें इस तरह से आम लोगों को अपनी चपेट में लेती चली गईं. इस केस को ले कर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर सवाल उठे. देशभर में लोगों का आक्रोश दिखा.
रेप और मर्डर केस में कब क्या हुआ?
कोलकाता के व्यस्त इलाके में बंगाल सरकार द्वारा संचालित आर. जी. कर मैडिकल कालेज और अस्पताल के इतिहास में 9 अगस्त, 2024 काला दिन साबित हुआ.
सुबह साढ़े 9 बजे आर. जी. कर अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की प्रशिक्षु ने एक डैडबौडी को दूर से देखा. इस की जानकारी उस ने तुरंत अपने सहकर्मियों और सीनियर डाक्टरों को दी. फिर सीनियर डाक्टर्स ने अस्पताल प्रशासन को सूचित कर दिया. प्रशासन अलर्ट हो गया.
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