23 जुलाई, 2022 को शाम को करीब 6 बजे का वक्त था. मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के बरेला थानांतर्गत गौर पुलिस चौकी की टीम डायल 100 वाहन से गश्त के लिए निकली थी.
गश्त के दौरान पुलिस की गाड़ी जैसे ही मंगेली गांव के पास नर्मदा नदी पर बने भटौली पुल पर पहुंची तो पुल पर खड़ी एक काली फिल्म लगी स्विफ्ट कार को देख कर चौकी इंचार्ज टेकचंद शर्मा ने ड्राइवर को गाड़ी रोकने का निर्देश दिया.
गाड़ी से उतर कर पुलिस टीम ने शक के आधार पर कार की जांच की तो कार के अंदर का नजारा देख कर उन के होश उड़ गए. कार की पिछली सीट पर एक जवान और खूबसूरत लड़की की लाश पड़ी थी.
कार की अगली सीट पर आजतक 24x7 नाम के चैनल की माइक आईडी, बादल पटेल के नाम का पहचान पत्र के साथ एक पिस्तौल रखी हुई थी. लड़की की लाश की बगल में कार की चाबी थी और कार के नीचे चप्पल पड़ी हुई थी.
मामला चूंकि हाईवे पर लड़की के मर्डर का था, लिहाजा गौर चौकी इंचार्ज ने जैसे ही घटना की जानकारी अपने सीनियर अधिकारियों को दी तो कुछ समय बाद ही बरेला पुलिस थाने के टीआई जितेंद्र यादव, जबलपुर की डीएसपी अपूर्वा किलेदार डौग स्क्वायड और एफएसएल की टीम के साथ मौके पर पहुंच गईं.
पुलिस टीम घटनास्थल पर जांच कर ही रही थी कि अचानक मोबाइल फोन की रिंग बज रही थी. रिंग की आवाज कार की छत के ऊपर रखे एक मोबाइल फोन से आ रही थी. चौकी इंचार्ज टेकचंद शर्मा ने जैसे ही काल रिसीव की तो दूसरी तरफ से आवाज आई, "बादल तुम कहां हो ? दीदी अभी तक घर नहीं आई हैं, आप के साथ हैं क्या?"
"हैलो, तुम कौन हो और किस से कर रहे हो?" चौकी इंचार्ज बोले.
“मैं अंकित बोल रहा हूं, बादल कहां है और आप कौन बोल रहे हैं?" फोन करने वाले ने कहा.
“मैं गौर पुलिस चौकी का इंचार्ज टेकचंद शर्मा बोल रहा हूं. ये बादल कौन है, जिस से तुम बात करना चाहते हो?"
Diese Geschichte stammt aus der November 2022-Ausgabe von Satyakatha.
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