- अब लोग फोन पे या पेटीएम से शगुन देने लगे हैं। कई जगह शादी के कार्ड और विवाह स्थल पर शगुन देने के लिए क्यूआर भी लगाए जा रहे हैं।
नेग या शगुन भी अब ऑनलाइन हो गए हैं। सुनने में ढेर सारे लोगों को यह बात थोड़ी अजीब लग सकती है, मगर डिजिटल दौर में यह आम होता जा रहा है। शादी को ही लें। इसमें कन्या के पांव पूजन से लेकर मुंह दिखाई तक न जाने कितनी रस्में होती हैं, जिनमें शगुन दिया जाता है। हम कितने भी आधुनिक क्यों न हो गए हों, लेकिन इन परंपराओं, रस्मों, रीति-रिवाजों को आज भी निभाते हैं। लेकिन समय के साथ इन रस्मों पर आधुनिकता की परत चढ़ गई है। सोशल मीडिया के जमाने में अब लिफाफे में नोट की जगह कुछ और भी रखा जाने लगा है, जैसे कि रकम भरा चेक, कोई ई-वाउचर, ट्रैवल वाउचर या फिर हनीमून स्पॉन्सर वाउचर आदि। इससे भी आगे अब शगुन, ऑनलाइन पेमेंट के जरिये सीधे नवदंपति के अकाउंट में दिया जा रहा है।
शगुन, भारतीय परंपरा का अटूट हिस्सा है। कोई पर्व-त्योहार हो, विवाह उत्सव हो, या फिर खुशी का कोई भी मौका, शगुन को बड़ों का आशीर्वाद माना जाता है। इसलिए हर अवसर पर शगुन जरूरी है, लेकिन अब लोग शगुन के लिफाफे में 21, 51 या 501 रुपये न रखकर चेक में एक निर्धारित रकम लिखकर नवविवाहित जोड़े को देने लगे हैं। इससे भी आगे निकलकर शगुन के लिफाफे में नोट की जगह अब डिजिटल पेमेंट ने ले ली है। अब लोग ऑनलाइन माध्यमों, जैसे- फोन पे या पेटीएम से शगुन देने लगे हैं। से कई जगह शादी के कार्ड और विवाह स्थल पर शगुन देने के लिए क्यूआर भी लगाए जाने लगे हैं। यह एक ऐसा तरीका है, जिससे आपके द्वारा दिया गया शगुन सीधे नवदंपति के अकाउंट में चला जाता है। यह तरीका आसान है, क्योंकि इससे शादी के दौरान या बाद में पैसे गिनने और इधर-उधर होने की चिंता भी नहीं रहती है।
Esta historia es de la edición April 07, 2023 de Rupayan.
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ढीला ढक्कन
“ओफ्फो श्रेया, कुछ काम तो तसल्ली से कर लिया करो। पता नहीं क्यों, हर समय जल्दबाजी में रहती हो?”श्रेया ने आवाज सुन वहीं से जानना चाहा और बोली, “अब क्या हुआ शेखर? क्या कर दिया मैंने?”
सर्दी के मौसम में अदरक का साथ
सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गरमी और ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?
ये परदे कुछ खास हैं
परदे घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और कमरे में रंग, पैटर्न और टेक्सचर की छटा बिखेरते हैं। परदे बाहर से आने वाली गंदगी को घर में आने से भी रोकते हैं और कमरे में एकांत की भावना पैदा करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत परदों के इस्तेमाल से फर्नीचर की शोभा भी बढ़ जाती है। आजकल बाजार में कई डिजाइनों के खूबसूरत परदे आसानी से मिल जाते हैं, जिससे घर की खूबसूरती में चार-चांद लगाए जा सकते हैं।
कहीं छोटा न रह जाए!
बच्चों की हाइट को लेकर कई माता-पिता परेशान रहते हैं, खासतौर से जिनकी हाइट उम्र के हिसाब से कम होती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें।
जेन-जी का आकर्षक स्टाइल
जेन-जी के फैशन ट्रेंड्स ने सर्दियों के फैशन को एक नया आयाम दिया है। उसकी स्टाइलिंग में एक ऐसा कॉन्फिडेंस और इनोवेशन है, जो उसे भीड़ में भी सबसे खास दिखाता है।
क्या फट गई हैं एड़ियां?
सर्दियों में कई महिलाओं की एड़ियां फटने लगती हैं। कभी-कभी तो यह समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि एड़ियों खून तक आने लगता है। ऐसे आप क्या करती हैं?
नए साल में खिलें फूल की तरह!
दिन बदले। साल बदल गए। खुद को कितना बदला आपने? खुद को कितना 'नया' बनाया आपने? समय-समय पर सकारात्मक बदलाव जरूरी हैं, तभी जिंदगी में कुछ नया होता है।
सपनों की स्टीयरिंग
उस वक्त रोजगार की कोई खास समस्या नहीं थी। समस्या थी तो बस पिता के पास बैठ अपने सपने की बात करना।
पावभाजी मखनी
स्वाद बैंक-पावभाजी मखनी
तंदूरी प्याज कुलचा
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