रोजमर्रा की दिनचर्या से जब तन-मन थक जाता है, दिमाग बोझिल लगने लगता है, तब दिल करता है कि कहीं दूर घूमकर आया जाए। जहां शहरों की प्रदूषण युक्त हवा की जगह ठंडी हवाओं के झोंके मन को सहलाएं, पक्षियों की चहचहाहट कानों में मिठास घोले और थकान व ऊब कोसों दूर चली जाए। ये सब हमें प्रकृति की गोद में ही मिल सकता है। अपने देश में ऐसे अनेक पर्यटन स्थल हैं, जहां की हरियाली तन और मन को ताजगी से भर देती है। लेकिन इस प्राकृतिक सौंदर्य को लग्जरी होटलों में कैद होकर नहीं निहारा जा सकता। इसके लिए उस जगह जाना पड़ता है, वहां के लोगों के बीच, जिससे हमें वहां की बोलचाल, विशेषता, इतिहास और खान-पान के बारे में जानकारी और अनुभव प्राप्त होते हैं। यह तभी संभव है, जब वहां रुकने की समुचित व्यवस्था हो। इसके लिए एक बेहतरीन विकल्प है- 'होम स्टे', जो आजकल तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
यह पर्यटन का अनोखा अनुभव है, जो मुख्यतः अतिथि देवो भवः की धारणा पर काम करता है। इसमें कोई परिवार अपने घर के एक हिस्से को पर्यटकों के रुकने के लिए सुविधापूर्ण रूप से तैयार करता है। वहां पर्यटक बिना किसी शंका के रुकते हैं, पर्यटन का आनंद लेते हैं और घर पर बना भोजन खाते हैं। पिछले दो सालों से दार्जिलिंग के डाली में 'सुनाखारी' नामक होम स्टे चला रहे रोशन थापा बताते हैं, "इसको शुरू करने का इरादा बहुत पहले से था, लेकिन कोरोना के कारण थोड़ी देर हो गई। फिलहाल मैं अक्तूबर 2021 से होम स्टे चला रहा हूं।" उन्होंने अपने घर के ऊपरी हिस्से को, जिसमें तीन कमरे, कॉमन डाइनिंग एरिया और किचन है, होम स्टे के लिए दिया है। यहां वह पर्यटकों को घर पर बना भोजन मुहैया कराते हैं, साथ ही टीवी, वाई-फाई की सुविधा भी प्रदान करते हैं। उनके घर से बताशिया लूप दो किमी, टाइगर हिल सात किमी, घूम स्टेशन साढ़े तीन किमी और रॉक गार्डन कैब से 40 मिनट की दूरी पर है।
This story is from the May 02, 2023 edition of Rupayan.
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छोटी चोटें बड़ा जोखिम
घर के ढेर सारे काम करने के दौरान आपको जख्म या चोट लग जाती है, जिसका इलाज आप घर पर खुद ही कर लेती हैं, लेकिन हमेशा ऐसा करना आपको परेशानी में डाल सकता है।
मायके से अनूठा प्रेम
“असल में वह कंवलजीत के मायके की तरफ से आया था, इसलिए मुझसे नहीं रहा गया”, कहते हुए उनकी आंखों से कंवलजीत के लिए स्नेह उमड़ आया था।
पत्ते-पत्ते में सहित
स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरुरी है पोष्टिक आहार का सेवन। ठंड का मौसम विशेष रूप से गलत त से पोषक तत्वों के सेवन के लिए उपयुक्त होता है, जो आपको हरी पत्तेदार सब्नियों के साथ-साथ अन्य सब्जियों के पत्तों से भी मिल सकता है।
उफ ! ये डैंड्रफ और हेयर फॉल
ठंडी हवाएं त्वचा की नमी को छीनती हैं और स्कैल्प को रुखा बना देती हैं। नतीजा, डैंड्रफ ओर बालों का झड़ना। लेकिन ऐसा क्यों होता है, आपने कभी जानने की कोशिश की?
नए साल में कुछ नया, कुछ पुराना
नए साल में नया फैशन आजमाएं ओर खुद को ताजगी से भरें ट्रेंडिंग रंगों, स्टाइलिश लुक ओर वाइब्रेंट एक्सेसरीज के साथ अपने वार्डरोब को अपडेट करें।
ये डर कहीं एब्लूटोफोबिया तो नहीं !
सर्दी के मोसम में बच्चे पानी को देखते ही भागने लगते हैं। ऐसे में उन्हें नहलाना आसान काम नहीं है। लेकिन अगर वे हर मौसम में ऐसा करते हैं तो यह एब्लूटोफोबिया' हो सकता है।
किचन का भी एक सिस्टम है
कई घरों में छोटा होने के कारण किचन हमेशा अव्यवस्थित दिखता है। इससे किचन में जाने का मन नहीं करता और समय पर चीजें भी नहीं मिलती हैं। ऐसे में क्या करती हैं आप?
क्या कहता है बालों का नया ट्रेंड
साल नया है, तो आपको अपने लुक और हेयर स्टाइल को भी बदल लेना चाहिए। इस समय कई ऐसे विंटर हेयर स्टाइल ट्रेंड में हैं, जो आपको सबसे खास और आकर्षक लुक दे सकते हैं।
उसका रुखा स्वभाव
अगर आपका बच्चा जरुरत से ज्यादा आक्रामक हो रहा है तो आपको उसके व्यवहार पर खास ध्यान देने की जरुरत है।
मॉर्निंग वॉक से सुधरेगी रिश्ते की सेहत
सुबह ताजगी से भरी होती है। जानकार कहते हैं कि मॉर्निंग वॉक से सिर्फ सेहत ही अच्छी नहीं रहती, बल्कि अगर कोई अनबन है तो सुबह की सैर आपके रिश्ते की सेहत को भी सुधार सकती है।