उनके मन में विश्वास था दिल में जुनून सवार था और दिमाग में कुछ करने की जिद थी। शारीरिक अक्षमता थी, लेकिन उन्होंने कभी उसे अपनी सफलता के आड़े नहीं आने दिया। उन्होंने जीवन में अपने सपने तो पूरे किए ही, साथ में अन्य दिव्यांगजनों और पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी बनीं। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस पर कुछ ऐसी ही महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने न केवल खुद के लिए रास्ते बनाए और आत्मनिर्भर बनीं, बल्कि खुद सफल होने के बाद अपनी जैसी लड़कियों के लिए अनोखी पहल भी की।
मीनू रहेजा अधिवक्ता, हिसार
तानों को बनाया ताकत
भारत की सबसे छोटे कद की मीनू रहेजा ने खुद दिव्यांग होने के बावजूद सफलता के परचम लहराए हैं और अब अन्य दिव्यांगजनों की मदद कर उनका जीवन सवार रही हैं। हरियाणा के हिसार में रहने वाली मीनू की लंबाई महज 2 फीट 9 इंच है। वह पेशे से वकील हैं। 2019 में उन्होंने 'रहेजा कृष्णा दिव्यांग' नाम से एनजीओ शुरू किया। इसके तहत वह दिव्यांगों की पढ़ाई के सा उन्हें पेंशन दिलाकर और कानूनी मसलों को हल करती हैं। मीनू को छोटे कद के कारण लोग ताने मारते थे और उन पर हंसते थे। वह बताती हैं, "मां-पापा चाहते थे कि मैं वकील बनूं। जब मैं पहली बार कोर्ट में पहुंची तो मन में एक हिचक थी। इसे दूर करने में उन्होंने मेरी मदद की और मेरा हौसला बढ़ाया।” मीनू को 2019 में इनफिनिटी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली। उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।
सविता सिंह सदस्य, दिव्यांग राज्य सलाहकार बोर्ड
खोला दिव्यांग स्कूल
This story is from the December 01, 2023 edition of Rupayan.
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छोटी चोटें बड़ा जोखिम
घर के ढेर सारे काम करने के दौरान आपको जख्म या चोट लग जाती है, जिसका इलाज आप घर पर खुद ही कर लेती हैं, लेकिन हमेशा ऐसा करना आपको परेशानी में डाल सकता है।
मायके से अनूठा प्रेम
“असल में वह कंवलजीत के मायके की तरफ से आया था, इसलिए मुझसे नहीं रहा गया”, कहते हुए उनकी आंखों से कंवलजीत के लिए स्नेह उमड़ आया था।
पत्ते-पत्ते में सहित
स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरुरी है पोष्टिक आहार का सेवन। ठंड का मौसम विशेष रूप से गलत त से पोषक तत्वों के सेवन के लिए उपयुक्त होता है, जो आपको हरी पत्तेदार सब्नियों के साथ-साथ अन्य सब्जियों के पत्तों से भी मिल सकता है।
उफ ! ये डैंड्रफ और हेयर फॉल
ठंडी हवाएं त्वचा की नमी को छीनती हैं और स्कैल्प को रुखा बना देती हैं। नतीजा, डैंड्रफ ओर बालों का झड़ना। लेकिन ऐसा क्यों होता है, आपने कभी जानने की कोशिश की?
नए साल में कुछ नया, कुछ पुराना
नए साल में नया फैशन आजमाएं ओर खुद को ताजगी से भरें ट्रेंडिंग रंगों, स्टाइलिश लुक ओर वाइब्रेंट एक्सेसरीज के साथ अपने वार्डरोब को अपडेट करें।
ये डर कहीं एब्लूटोफोबिया तो नहीं !
सर्दी के मोसम में बच्चे पानी को देखते ही भागने लगते हैं। ऐसे में उन्हें नहलाना आसान काम नहीं है। लेकिन अगर वे हर मौसम में ऐसा करते हैं तो यह एब्लूटोफोबिया' हो सकता है।
किचन का भी एक सिस्टम है
कई घरों में छोटा होने के कारण किचन हमेशा अव्यवस्थित दिखता है। इससे किचन में जाने का मन नहीं करता और समय पर चीजें भी नहीं मिलती हैं। ऐसे में क्या करती हैं आप?
क्या कहता है बालों का नया ट्रेंड
साल नया है, तो आपको अपने लुक और हेयर स्टाइल को भी बदल लेना चाहिए। इस समय कई ऐसे विंटर हेयर स्टाइल ट्रेंड में हैं, जो आपको सबसे खास और आकर्षक लुक दे सकते हैं।
उसका रुखा स्वभाव
अगर आपका बच्चा जरुरत से ज्यादा आक्रामक हो रहा है तो आपको उसके व्यवहार पर खास ध्यान देने की जरुरत है।
मॉर्निंग वॉक से सुधरेगी रिश्ते की सेहत
सुबह ताजगी से भरी होती है। जानकार कहते हैं कि मॉर्निंग वॉक से सिर्फ सेहत ही अच्छी नहीं रहती, बल्कि अगर कोई अनबन है तो सुबह की सैर आपके रिश्ते की सेहत को भी सुधार सकती है।