इशिता के पति वरुण का दूसरे शहर में तबादला हो गया है। दोनों जल्द ही दूसरे शहर में शिफ्ट होने वाले हैं। उन्हें वहां नया फ्लैट भी मिल गया है, लेकिन समस्या यह है कि नया फ्लैट उनके पुराने फ्लैट के मुकाबले काफी छोटा है। वहां केवल जरूरत का सामान ही रखा जा सकता है। अब इशिता और वरुण को समझ नहीं आ रहा है कि वे अपने साथ किन चीजों को लेकर जाएं और किसको नहीं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि किसी चीज से वरुण को लगाव है तो किसी से इशिता को। इस असमंजस की स्थिति की वजह से इशिता और वरुण ने लगभग हर चीज बांध ली है और अब सिर पकड़कर बैठे हैं। वे किसी भी सामान को छोड़ना नहीं चाह रहे, क्योंकि इतने सालों में वे सामान भी उनके जीवन का हिस्सा बन गए हैं और उन चीजों से उन्हें एक मोह-सा हो गया है।
देखा जाए तो यह एक सामान्य-सी बात हैं, क्योंकि घर केवल ईंट सीमेंट की चहारदीवारी से नहीं बनता। घर बनता है उसमें रची-बसी प्यार की खुशबू, हंसी-ठिठोलियों, दादी-नानी की कहानियों, बचपन की शरारतों और पास-पड़ोस से जुड़े ढेर सारे किस्सों और बतकहियों से। तभी तो चाहे हम कहीं भी रहें, वहां की चीजें हमें बार-बार उनसे जुड़ी बातों और घटनाओं को याद कराती हैं और हम भी अक्सर उन्हें याद करने के बहाने ढूंढते रहते हैं। उन खट्टी-मीठी यादों का लुत्फ कई बार हमारी जिंदगी का जायका बदल देता है। मगर इस बात का दूसरा पहलू यह भी है कि इसी चक्कर में हमारा घर किसी म्यूजियम में बदलता चला जाता है। चीजें जमा होती जाती हैं और फिर कहीं दूसरी जगह जाते या रिनोवेशन कराते समय अजीब-सी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। हम न तो उन्हें फेंक पाते हैं और न रखने की हालत में होते हैं।
■ गहरी यादों का जुड़ाव
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मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
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पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
याद रहे जन्मदिन पार्टी
आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।
रिश्तों का 'डे आउट'
भाई-बहन के रिश्ते में शरारत होती है और होता है ढेर सारा प्यार। अगर ये सब पीछे छूट गया है तो आपको और आपके भाई को एक 'सिबलिंग डे आउट' की सख्त जरूरत है।
निखार नहीं और अगले महीने शादी!
जैसे-जैसे शादी के दिन नजदीक आ रहे हैं, आपका निखार मुरझा रहा है। आपकी चिंता बढ़ गई है और तनाव दोगुना हो गया है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको प्राकृतिक तरीकों और एक सही ब्यूटी रूटीन पर भरोसा करना चाहिए।
मंद-मंद मुस्कुराती सर्दी में आप
सर्दी ने अपने पंख फैल लिए हैं। ठंड का अहसास होने लगा है। इस सुहावने मौसम में आपको जरूरत है अदरक वाली चाय की चुस्की और आरामदेह तथा स्टाइलिश लिबास की।
थोड़ी बोरियत भी अच्छी!
क्या आप भी कोई काम करते-करते बोर हो जाती हैं, तो अपने फोन की ओर हाथ बढ़ाने के बजाय खुद को बोरियत की भावना में डूबने दें। जानकार कहते हैं कि बोरियत के कुछ पल आपकी रचनात्मकता और कार्यक्षमता को अनलॉक करने में मदद कर सकते हैं।
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जब मन हुआ, कुछ खा लिया। जब मन हुआ, कुछ पी लिया। मन नहीं भरता। कभी-कभी तो आधी रात में भी खाने की तलब लगती है। लेकिन क्या आपके शरीर को भोजन की इतनी जरूरत है?
अस्तित्व की तलाश
फूल! जिनकी आयु सबसे छोटी है, वह भी जरा-सा स्नेह रस पाकर जीवंत रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?