पुरानी चीजों से आपको भी है मोह?
Rupayan|April 26, 2024
घर का कोना हमारी यादों को सहेजे रखता है। हमारा मन घर की टूटी हुई कुर्सी से भी जुड़ा रहता है, क्योंकि गृहस्थी का पहला फर्नीचर यही तो था। हम उस फटे हुए कंबल को भी बस इसलिए नहीं फेंक पाते, क्योंकि वह मां का दिया गया तोहफा है। लेकिन यह जुड़ाव आपके घर को अस्त-व्यस्त तो नहीं करता जा रहा?
अलका 'सोनी'
पुरानी चीजों से आपको भी है मोह?

शिता के पति वरुण का दूसरे शहर में तबादला हो गया है। दोनों जल्द ही दूसरे शहर में शिफ्ट होने वाले हैं। उन्हें वहां नया फ्लैट भी मिल गया है, लेकिन समस्या यह है कि नया फ्लैट उनके पुराने फ्लैट के मुकाबले काफी छोटा है। वहां केवल जरूरत का सामान ही रखा जा सकता है। अब इशिता और वरुण को समझ नहीं आ रहा है कि वे अपने साथ किन चीजों को लेकर जाएं और किसको नहीं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि किसी चीज से वरुण को लगाव है तो किसी से इशिता को। इस असमंजस की स्थिति की वजह से इशिता और वरुण ने लगभग हर चीज बांध ली है और अब सिर पकड़कर बैठे हैं। वे किसी भी सामान को छोड़ना नहीं चाह रहे, क्योंकि इतने सालों में वे सामान भी उनके जीवन का हिस्सा बन गए हैं और उन चीजों से उन्हें एक मोह-सा हो गया है।

देखा जाए तो यह एक सामान्य-सी बात हैं, क्योंकि घर केवल ईंट सीमेंट की चहारदीवारी से नहीं बनता। घर बनता है उसमें रची-बसी प्यार की खुशबू, हंसी-ठिठोलियों, दादी-नानी की कहानियों, बचपन की शरारतों और पास-पड़ोस से जुड़े ढेर सारे किस्सों और बतकहियों से। तभी तो चाहे हम कहीं भी रहें, वहां की चीजें हमें बार-बार उनसे जुड़ी बातों और घटनाओं को याद कराती हैं और हम भी अक्सर उन्हें याद करने के बहाने ढूंढते रहते हैं। उन खट्टी-मीठी यादों का लुत्फ कई बार हमारी जिंदगी का जायका बदल देता है। मगर इस बात का दूसरा पहलू यह भी है कि इसी चक्कर में हमारा घर किसी म्यूजियम में बदलता चला जाता है। चीजें जमा होती जाती हैं और फिर कहीं दूसरी जगह जाते या रिनोवेशन कराते समय अजीब-सी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। हम न तो उन्हें फेंक पाते हैं और न रखने की हालत में होते हैं।

■ गहरी यादों का जुड़ाव 

This story is from the April 26, 2024 edition of Rupayan.

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