खाना पकाना एक कला है। जिसने इस कला को जान लिया, वह पाक कला में माहिर हो गया। मगर जब भी आप रेसिपी बुक खोलती हैं, आपको विभिन्न प्रांतों, देशों और संस्कृतियों की ढेर सारी रेसिपी देखने को मिलती हैं। आप किसी एक रेसिपी को पढ़ती हैं, किचन में जाती हैं और लग जाती हैं। उसे बनाने में। लेकिन जब वह तैयार हो जाती है तो उसमें वह स्वाद नहीं आता, जो आपने कभी चखा था। असल में, हर राज्य, क्षेत्र और समुदाय का खाना बनाने का अपना अलग तरीका होता है। ऐसे में एक ही पकवान की विधि में कुछ अंतर भी हो सकता है। हर राज्य में अलग-अलग पकवान भी होते हैं, जो विशेष अवसरों पर बनाए जाते हैं। ऐसे में उनके खाने का स्वाद, सामग्री और विधियां एक-दूसरे से पूरी तरह अलग होती हैं।
आज के समय में वैश्वीकरण और डिजिटलीकरण की वजह से आप किसी भी देश के पकवान को घर पर आराम से बना सकती हैं, जिसके लिए इंटरनेट पर सैकड़ों रेसिपी वीडियो, ब्लॉग और वेबसाइट्स मौजूद हैं। ये आपको दुनिया भर की खाद्य संस्कृतियों के बारे में जानने और उनका आनंद लेने का अवसर देती हैं। लेकिन कमी है तो समय की। किसी के पास आज इतना भी समय नहीं है। कि वह तसल्ली से खाना बना पाए। ऐसे में खान-पान की पौष्टिकता में बदलाव लाना काफी महत्वपूर्ण हो गया है। दूसरा पक्ष यह भी है कि आज की महिलाएं कामकाजी होने की वजह से पौष्टिकता पर धयान नहीं दे पातीं, जिसका परिवार के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए आपको खाना बनाने की जानकारी होना बेहद जरूरी है, क्योंकि खाना बनाने के कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स होते हैं, जिनको सही तरीके से फॉलो न करना भोजन के स्वाद के साथ-साथ सेहत पर भी असर डाल सकता है। खाना बनाने की प्रक्रिया के ये छोटे-छोटे कदम सुनिश्चित करते हैं कि भोजन न केवल स्वादिष्ट बने, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर भी हो। दरअसल, भोजन एक दवा है। और इसे बनाते समय सही स्टेप्स को फॉलो न करने से आपके आहार और स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है।
■ ताजी सामग्री का चयन
This story is from the November 29, 2024 edition of Rupayan.
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छोटी चोटें बड़ा जोखिम
घर के ढेर सारे काम करने के दौरान आपको जख्म या चोट लग जाती है, जिसका इलाज आप घर पर खुद ही कर लेती हैं, लेकिन हमेशा ऐसा करना आपको परेशानी में डाल सकता है।
मायके से अनूठा प्रेम
“असल में वह कंवलजीत के मायके की तरफ से आया था, इसलिए मुझसे नहीं रहा गया”, कहते हुए उनकी आंखों से कंवलजीत के लिए स्नेह उमड़ आया था।
पत्ते-पत्ते में सहित
स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरुरी है पोष्टिक आहार का सेवन। ठंड का मौसम विशेष रूप से गलत त से पोषक तत्वों के सेवन के लिए उपयुक्त होता है, जो आपको हरी पत्तेदार सब्नियों के साथ-साथ अन्य सब्जियों के पत्तों से भी मिल सकता है।
उफ ! ये डैंड्रफ और हेयर फॉल
ठंडी हवाएं त्वचा की नमी को छीनती हैं और स्कैल्प को रुखा बना देती हैं। नतीजा, डैंड्रफ ओर बालों का झड़ना। लेकिन ऐसा क्यों होता है, आपने कभी जानने की कोशिश की?
नए साल में कुछ नया, कुछ पुराना
नए साल में नया फैशन आजमाएं ओर खुद को ताजगी से भरें ट्रेंडिंग रंगों, स्टाइलिश लुक ओर वाइब्रेंट एक्सेसरीज के साथ अपने वार्डरोब को अपडेट करें।
ये डर कहीं एब्लूटोफोबिया तो नहीं !
सर्दी के मोसम में बच्चे पानी को देखते ही भागने लगते हैं। ऐसे में उन्हें नहलाना आसान काम नहीं है। लेकिन अगर वे हर मौसम में ऐसा करते हैं तो यह एब्लूटोफोबिया' हो सकता है।
किचन का भी एक सिस्टम है
कई घरों में छोटा होने के कारण किचन हमेशा अव्यवस्थित दिखता है। इससे किचन में जाने का मन नहीं करता और समय पर चीजें भी नहीं मिलती हैं। ऐसे में क्या करती हैं आप?
क्या कहता है बालों का नया ट्रेंड
साल नया है, तो आपको अपने लुक और हेयर स्टाइल को भी बदल लेना चाहिए। इस समय कई ऐसे विंटर हेयर स्टाइल ट्रेंड में हैं, जो आपको सबसे खास और आकर्षक लुक दे सकते हैं।
उसका रुखा स्वभाव
अगर आपका बच्चा जरुरत से ज्यादा आक्रामक हो रहा है तो आपको उसके व्यवहार पर खास ध्यान देने की जरुरत है।
मॉर्निंग वॉक से सुधरेगी रिश्ते की सेहत
सुबह ताजगी से भरी होती है। जानकार कहते हैं कि मॉर्निंग वॉक से सिर्फ सेहत ही अच्छी नहीं रहती, बल्कि अगर कोई अनबन है तो सुबह की सैर आपके रिश्ते की सेहत को भी सुधार सकती है।