कुछ दिन पहले जापान की एक वायरल खबर ने चौंकाया। यहां मिलेनियल्स के बीच फ्रेंडशिप मैरिज का चलन बढ़ रहा है। दिलचस्प बात यह है कि कानूनन पति-पत्नी होने के बावजूद ऐसी शादी में कपल्स एक ही छत के नीचे रूममेट्स या दोस्त की तरह रहते हैं। वे घरेलू जिम्मेदारियां शेअर कर सकते हैं, आपसी सहमति से आर्टिफिशियल तरीकों से बच्चे भी पैदा कर सकते है।
अब तक तो हमारे समाजों में लिव इन रिलेशनशिप को ले कर ही बहसें होती रही हैं । लिव इन और फ्रेंडशिप मैरिज अपने कॉन्सेप्ट में एक-दूसरे के बिलकुल विपरीत हैं। लिवइन में कपल्स बिना शादी किए पति-पत्नी की तरह रहते हैं। जबकि इस नए जापानी ट्रेंड में कपल्स के बीच कोई भावनात्मक-दैहिक रिश्ता नहीं है, पर वे कानूनन पति-पत्नी कहलाएंगे। अब इस पर भी नयी बहस खड़ी की जा सकती है कि दोस्ती ही चाहिए तो साथ रहने की मजबूरी क्यों हो और रिश्ते को कानूनी जामा पहनाना जरूरी क्यों हो !
भारतीय समाज की बात करें तो अपने यहां शादियां स्वर्ग में तय होती हैं और धरती पर निभायी जाती हैं की ही अवधारणा चलती चली आ रही है। शादी परस्पर दो दिलों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का भी मिलन है। इसके साथ एक सामाजिकता का भाव जुड़ा है, बहुत से रीति-रिवाजों से गुजरते हुए दो अलग-अलग परिवेश के स्त्री-पुरुष एक होते हैं और अपने सहजीवन की शुरुआत करते हैं। ऐसे में जापान का यह नया ट्रेंड चौंकाता है। पूरी तरह लीगल कॉन्ट्रैक्ट होने के बावजूद यहां पति-पत्नी दोस्तों की तरह रहते हैं। दोनों आजाद हैं और एक-दूसरे से बंध कर रहने की उनकी कोई मजबूरी भी नहीं है। सारी बातें आपसी समझदारी से चलती हैं और कोई एक शादी से इतर संबंध बनाना चाहे तो इसमें किसी का दिल भी नहीं टूटता।
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