एक वक्त था, जब नेटवर्किंग शब्द को नकारात्मक ढंग से देखा जाता था। लोगों को लगता था कि यह अपना ए विज्ञापन करने जैसा है। लेकिन समय बदलता है। बढ़ती जनसंख्या, युवाओं की बड़ी स्किल्ड संख्या और रिटायर होने की उम्र में भी काम करने की जरूरत ने प्रोफेशनल जीवन में नेटवर्किंग की जरूरत को बढ़ाया है। बेहतर प्रोफेशन का ख्वाब महासमंदर में डुबकी लगा कर अपने लिए मोती चुनने जैसा है। अर्जुन सी दृष्टि के साथ ही लक्ष्य साधा जा सकता है।
आज लोग सोशल नेटवर्किंग एप लिंक्डइन सहित तमाम सोशल साइट्स पर एक-दूसरे से जुड़े हैं। वे अपनी उपलब्धियों व ज्ञान को शेअर कर रहे हैं। अब युवा प्रोफेशनल्स खुल कर कहते हैं कि उन्हें काम की जरूरत है। ऐसे समय में जबकि हाइरिंग व फाइरिंग कॉमन शब्द हो चले हैं, नेटर्किंग का महत्व और बढ़ गया है। विश्व पटल पर रोजगार की स्थितियां बिगड़ रही हैं, कोरोना महामारी के बाद दुनिया में चल रहे अलग-अलग युद्ध ने भी रोजगार मार्केट पर प्रभाव डाला है। इन स्थितियों में प्रोफेशनल-र्सनल लाइफ को सही दिशा में ले जाने के लिए भी नेटवर्किंग जरूरी है।
छोटे-बड़े परदे की समर्थ कलाकार नीना गुप्ता ने कई वर्ष पहले जब अपने सोशल अकाउंट पर लिखा कि उनके पास काम नहीं है, उन्हीं के दायरे के कई लोग हैरान रह गए, लेकिन/इसका प्रभाव यह हुआ कि बहुत से दोस्तों-मित्रों और फिल्मकारों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया। आज 60 पार हो चुकी इस अभिनेत्री के पास ना सिर्फ काम, बल्कि ढेरों विज्ञापन भी हैं।
नेटवर्किंग है क्या
नेटवर्किंग एक स्किल है। अपने फील्ड के प्रोफेशनल्स से बात करना, ग्रुप्स या कम्युनिटी से जुड़ना, सोशल मीडिया पर लोगों से जुड़ना... ये सब कुछ नेटवर्क में ही आता है। हालांकि कई बार नेटवर्किंग को लोग ऑफिस पॉलिटिक्स, फेवर मांगने या करने या नेपोटिज्म की तरह समझते हैं। जबकि यह सही नहीं है। तो फिर नेटवर्किंग का असल अर्थ है क्या ! हमारे फोन में अपने फील्ड से जुड़े लोगों के नंबर्स सेव होने, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ढेर सारे लाइक्स और फॉलोअर्स होने से मान लें कि हमारी नेटवर्किंग सही है ! नहींदरअसल नेटवर्किंग इससे इतर और आगे की बात है।
This story is from the July 2024 edition of Vanitha Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the July 2024 edition of Vanitha Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
चिल्ड्रंस डे कुछ सवाल
अगर आज हम अपने बच्चों को बेहतर वर्तमान देने की हैसियत रखते हैं तो कल | हम देश के बेहतर भविष्य की गारंटी दे सकते हैं। चिल्ड्रंस डे पर दो अहम मुद्दे, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। ये दोनों बातें बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं और इन्हें समझने की जरूरत है।
मैरिज रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी
अपनी शादी को कानूनी रूप से रजिस्टर कराने के कई फायदे हैं। मैरिज रजिस्ट्रेशन से संबंधित जरूरी बातें-
प्लस साइज दुलहन मेकअप व फैशन टिप्स
हर ब्राइड अपने बिग डे पर सबसे सुंदर दिखना चाहती है, फिर चाहे वह प्लस साइज ब्राइड ही क्यों ना हो ! कैसे दिखे कर्वी ब्राइड परफेक्ट और सबसे अलग ?
जब शादी में पहनें मां की वेडिंग ड्रेस
मां का लहंगा या दादी का पेंडेंट, शादी में कैसे पहनें, जानिए-
क्या है ऑफिस पीकॉकिंग
पीकॉकिंग एक सोशल बिहेवियर है, जिसका मतलब है दूसरों को इंप्रेस करने के लिए खुद को बदलना।
स्किन के लिए मैजिक टेप
बॉडी पर होने वाले हाइपोट्रॉपिक निशानों या केलॉइड्स को कम कर सकता है स्कार टेप।
दूल्हा सजेगा नहीं तो जंचेगा कैसे
बिग फैट इंडियन वेडिंग में जितनी दुलहन की ज्वेलरी जरूरी है, उतना ही महत्व है दूल्हे की ज्वेलरी व एक्सेसरीज का । ट्रेडिशनल से मॉडर्न जमाने तक के बदलावों पर एक नजर-
विंटर स्किन केअर
सरदियों में अपनी स्किन को दें थोड़ा ज्यादा दुलार, ताकि यह बनी रहे सॉफ्ट व हेल्दी।
सही बैंक्वेट कैसे चुनें
शादी की तैयारियों में बैंक्वेट हॉल बुक करने से पहले जरूरी है सही सवाल पूछना।
शादी में बचत
वेडिंग इंडस्ट्री इस साल आने वाले 2 महीनों में 35 लाख शादियों के साथ 4.25 लाख करोड़ रुपए के खर्च की तरफ बढ़ रही है।