कृषि उद्यमिता, नैचुरल फार्मिंग, जल प्रबंधन का सशक्त मौडल
Farm and Food|October First 2023
बढ़ती हुई आबादी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें खेती की उन्नत तकनीकी का उपयोग करते हुए कृषि एवं उस से जुड़े उत्पादकता की तरफ पूरी तरह ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. खेती की लागत में कमी लाने में जितना मददगार उन्नत तकनीकी को माना जा सकता है, उतना ही जरूरी है खेती में उन्नत यंत्रों का प्रयोग.
बृहस्पति कुमार पांडेय
कृषि उद्यमिता, नैचुरल फार्मिंग, जल प्रबंधन का सशक्त मौडल

इस से न केवल खेती की लागत में कमी लाई जा सकती है, बल्कि समय और मेहनत का बेहतर प्रबंधन भी संभव है. खेती में मशीनों का उपयोग जुताई, बोआई, सिंचाई, उर्वरक प्रबंधन, कटाई, मड़ाई, प्रोसैसिंग सहित ब्रांडिंग और पैकेजिंग जैसे कामों को भी आसान किया जा सकता है.

स्थायी और सतत कृषि के लिए जितना जरूरी है उन्नत तकनीकी, उतना ही जरूरी है प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, जिस से हम खेती में काम आने वाले प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम उपयोग कर उस का सतत उपयोग कर पाएं. खेती में जो सब से जरूरी है, वह है सिंचाई के द्वारा समुचित जल उपयोग और समुचित ऊर्जा उपयोग.

खेती में सिंचाई प्रबंधन के लिए टपक सिंचाई विधि, जिसे ड्रिप इरिगेशन के नाम से भी जानते हैं, के साथ ही पोर्टेबल स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर, मिनी स्प्रिंकलर, लार्ज वौल्यूम (रेनगन) आदि विधियों का उपयोग कर के पानी के उपयोग में कटौती कर सकते हैं, जिस से हम बेहतर जल प्रबंधन करते हुए संभावित जल समस्या से निबट भी सकते हैं.

इस दिशा में नई दिल्ली में स्थित संस्था विश्व युवक केंद्र द्वारा देश के अलगअलग राज्यों में खेती और किसानों की बेहतरी के लिए काम कर रहे सामाजिक और स्वैच्छिक संगठनों के तकरीबन 16 राज्यों के 70 प्रतिनिधियों को बजाज फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कृषि उद्यमिता, कृषि विकास, जल संरक्षण, सामुदायिक सहभागिता और सामाजिक परिवर्तन के सफल मौडल से रूबरू कराने के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण और सीख आधारित भ्रमण का अवसर उपलब्ध कराया गया.

खेती के सफल मौडल

22 सितंबर से 26 सितंबर तक चले इस कार्यक्रम की शुरुआत विश्व युवक केंद्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उदय शंकर सिंह द्वारा सभी लोगों के स्वागत के साथ की गई. पहले सत्र में अतिथियों ने महाराष्ट्र के वर्धा जिले में बजाज फाउंडेशन द्वारा की गई पहल के चलते किसानों की आय में बढ़ोतरी और जल प्रबंधन के मौडल की सराहना की.

कार्यक्रम में मुख्य 'अतिथि के रूप में पहुंचे वर्धा के विधायक पंकज भोयर ने कहा कि देश में अगर खेती के क्षेत्र में परिवर्तन देखना हो तो महाराष्ट्र के वर्धा जिले के किसानों के खेतों में आएं.

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