बकरीपालन ऐसा व्यवसाय है, जिस में नुकसान होने की आशंका बहुत कम रहती है. किसान दूसरे कृषि कामों के साथ भी बकरीपालन शुरू कर सकते हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के तहत केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा ने एक ऐसा मोबाइल एप बनाया है, जहां किसानों को बकरीपालन से जुड़ी नस्लों, योजनाओं सहित पूरी जानकारी मिलती है.
बकरीपालन को किसानों की आय बढ़ाने का मुख्य स्रोत कहा जाता है, क्योंकि इसे शुरू करने में बहुत ज्यादा खर्च की जरूरत नहीं पड़ती. सरकार और वैज्ञानिक इस दिशा में लगातार काम भी कर रहे हैं.
केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान यानी सीआईआरजी ने बकरीपालन एप बनाया है. बकरीपालन की शुरुआत के लिए यह मोबाइल बहुत ही कारगर साबित हो सकता है.
इस मोबाइल एप में भारतीय बकरी की नस्लों के बारे में काफी जानकारी दी गई है. साथ ही, यह भी बताया गया है कि आप अगर मांस के लिए ही बकरीपालन करना चाहते हैं, तो किन किस्मों का चुनाव करेंगे या रेशे और दूध के लिए कौन सी नस्लें बेहतर होंगी.
कृषि उपकरण और चारा उत्पादन
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स्वाद का खजाना आम कलाकंद
आम को यों ही फलों का राजा नहीं कहा जाता है, बल्कि इस की खूबियां और अलगअलग तरह के रंग, रूप और लाजवाब जायका इसे फलों के राजा का खिताब दिलाता है.
राजस्थान की रेत में बागबानी से लखपति बनी महिला किसान संतोष देवी
हमारे देश में महिला किसानों और खेत में काम करने वाली महिलाओं की संख्या पर अगर गौर करें, तो इन की कुल संख्या 84 फीसदी है. लेकिन मुख्य धारा की मीडिया में इन महिला किसानों की चर्चा बहुत कम होती है या कह लिया जाए कि न के बराबर होती है, जबकि देश में मुट्ठीभर बिजनैस वुमन की खबरें अकसर मीडिया के जरीए हम लोगों के सामने आती रहती हैं.
जून महीने में खेतीकिसानी के काम
जून का महीना खेती के लिहाज से खासा अहम है. खरीफ फसलों को बोने के साथसाथ जानवरों का खास खयाल रखना जरूरी हो जाता है.
ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई खेती के लिए लाभकारी
ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई से खेतों की उर्वराशक्ति, जल संवर्धन में वृद्धि एवं कीटों व रोगों के आक्रमण में भी कमी आती है.
'नवोन्मेषी किसान सम्मेलन' का आयोजन
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली
धान की खेती में महिलाओं के लिए सस्ते सुलभ कृषि यंत्र
जिन किसानों के पास खेती की कम जमीन है और वे उस पर धान की खेती करना चाहते हैं, उन के लिए धान की बोआई व रोपाई के ये दोनों यंत्र खासा मददगार हो सकते हैं, खासकर महिलाओं को ध्यान में रख कर इन यंत्रों को संस्थान ने बनाया है.
खेती के विकास में स्मार्ट तकनीक
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बांस एक फायदे अनेक
बांस की बांसुरी से तो हम सब ही परिचित हैं. बांस को लोग आमतौर पर लकड़ी मान लेते हैं. बांस एक तरह की विशेष घास है. आज यह मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो रही है.
मूंगफली की खेती
भारत में मूंगफली के उत्पादन का तकरीबन 75 से 85 फीसदी हिस्सा तेल के रूप में इस्तेमाल होता है. खरीफ और जायद दोनों मौसमों में इस की खेती की जाती है. जायद के समय जहां पर ज्यादा बारिश होती है, वहां पर भी मूंगफली की खेती की जा सकती है. इस के लिए शुष्क जलवायु की जरूरत होती है.
पावर टिलर: खेती के करे कई काम
समय के साथ-साथ खेती करने के तरीकों में बदलाव आया है. अब ज्यादातर छोटेबड़े सभी किसान अपनी जरूरत के मुताबिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करने लगे हैं.