कसावा की उन्नत खेती करें
Farm and Food|May First 2024
साबूदाना बनाने के लिए सब से पहले कसावा के कंद को अच्छे से धोया जाता है. इस के बाद कंदों को छील कर उनकी पिसाई की जाती है
बृहस्पति कुमार पांडेय
कसावा की उन्नत खेती करें

स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक चीजों का भोजन में शामिल होना बहुत जरूरी है, इसलिए भोजन में फल, सब्जियां, अनाज, कंद, दालें, तेल आदि का समन्वय बने रहना जरूरी है. भोजन में जरूरी तत्त्वों की कमी से न केवल काम करने की कूवत घटती है, बल्कि शरीर को जरूरी एनर्जी भी नहीं मिल पाती है. ऐसे में हमें भरपूर एनर्जी देने वाली चीजों को अपने भोजन का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए.

भोजन में भरपूर एनर्जी देने वाली चीजों में साबूदाना का अहम रोल माना जाता है. इस से बनने वाली खिचड़ी, खीर, कचरी, पापड़, पकौड़ी इत्यादि को एनर्जी का फुल डोज माना जाता है.

साबूदाना को कार्बोहाइड्रेट, बी विटामिन बी कौंप्लैक्स, फोलिक एसिड, पोटैशियम, कैल्शियम का जबरदस्त स्रोत माना जाता है. खाने में इस के उपयोग से थकान, ब्लड प्रैशर, वजन बढ़ना, हड्डियों की समस्या इत्यादि से बचा जा सकता है. यह चेहरे के लिए एक बेहतर फेस मास्क का काम भी करता है, इसलिए बाजार में इस का रेट अच्छा बना रहता है.

ऐसे तैयार होता साबूदाना

साबूदाना कसावा नाम के फसल के कंदों की प्रोसैसिंग के बाद तैयार किया जाता है, जो एक झाड़ीनुमा पौधा होता है. साबूदाना बनाने के लिए सब से पहले कसावा के कंद को पहले अच्छे से धोया जाता है. इस के बाद कंदों को छील कर उस की पिसाई की जाती है.

कंदों की पिसाई के बाद उसे प्रोसैसिंग की कई प्रक्रियाओं से गुजारा जाता है, जिस से कंद का फाइबर अलग हो जाता है और लिक्विड फार्म में सिर्फ इस का स्टार्च बचता है.

लिक्विड फार्म में तैयार स्टार्च को बड़ेबड़े टैंक में भर कर उसे फर्मेंट किया जाता है. फर्मेंटेशन की प्रक्रिया के तहत पानी और स्टार्च अलगअलग हो जाते हैं. इस के बाद स्टार्च का पाउडर बना कर उस से छोटीछोटी गोलियां बनाई जाती हैं. इन गोलियों को थोड़ी देर गरम बरतन में रख कर हिलाया जाता है और उस के बाद गोलियों को सूखने के लिए रख देते हैं. आखिरी स्टैप होता है ग्लूकोज और स्टार्च के मिश्रण से इस की पौलिश करने का. पोलिश के बाद साबूदाना पूरी तरह से तैयार हो जाता है.

कसावा की खेती

This story is from the May First 2024 edition of Farm and Food.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the May First 2024 edition of Farm and Food.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM FARM AND FOODView All
बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
Farm and Food

बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.

time-read
1 min  |
October 2024
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
Farm and Food

खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम

केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.

time-read
1 min  |
October 2024
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
Farm and Food

अक्तूबर महीने में खेती के खास काम

यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.

time-read
10 mins  |
October 2024
किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया
Farm and Food

किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया

रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.

time-read
1 min  |
October 2024
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
Farm and Food

खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल

आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.

time-read
1 min  |
October 2024
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
Farm and Food

जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत

हमारे देश में कृषि से जुड़ी फल, फूल और अनाज की ऐसी कई किस्में हैं, जो केवल क्षेत्र विशेष में ही उगाई जाती हैं. अगर इन किस्मों को उक्त क्षेत्र से इतर हट कर उगाने की कोशिश भी की गई, तो उन में वह क्वालिटी नहीं आ पाती है, जो उस क्षेत्र विशेष \" में उगाए जाने पर पाई जाती है.

time-read
7 mins  |
October 2024
पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी
Farm and Food

पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी

मौजूदा दौर में पराली प्रबंधन का मुद्दा खास है. पूरे देश में प्रदूषण का जहर लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है और प्रदूषण का दायरा बढ़ाने में पराली का सब से ज्यादा जिम्मा रहता है. सवाल उठता है कि पराली के जंजाल से कैसे निबटा जाए ?

time-read
4 mins  |
October 2024
मक्का की नई हाईब्रिड किस्म एचक्यूपीएम-28
Farm and Food

मक्का की नई हाईब्रिड किस्म एचक्यूपीएम-28

हरियाणा के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, करनाल ने चारे के लिए अधिक पैदावार देने वाली उच्च गुणवत्तायुक्त प्रोटीन मक्का (एचक्यूपीएम) की संकर किस्म एचक्यूपीएम 28 विकसित की है.

time-read
2 mins  |
October 2024
लाख का बढ़ेगा उत्पादन
Farm and Food

लाख का बढ़ेगा उत्पादन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत में लाख का उत्पादन मुख्य रूप से आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाता है.

time-read
3 mins  |
October 2024
धान की कटाई से भंडारण तक की तकनीकी
Farm and Food

धान की कटाई से भंडारण तक की तकनीकी

धान उत्पादन की दृष्टि से भारत दुनिया में सब से बड़े देशों में गिना जाता है.

time-read
5 mins  |
October 2024