
इस सप्ताह इस स्तंभ के लिए खबरें तलाश करते हुए मैंने पाया कि महिलाओं से जुड़ी खबरों की संख्या नाममात्र होती हैं। उस पर भी स्त्रियों की उपलब्धियों पर और भी कम बातें होती हैं। यह अच्छी बात है कि अपराध, स्कैम और दूसरी नकारात्मक खबरों में आज भी स्त्रियों की संख्या कम ही होती है, लगभग 11 प्रतिशत। लेकिन अगर दस साल पहले से तुलना करें तो महिला अपराधियों की संख्या में 32 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ क्रिमिनल जस्टिस साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार महिलाओं को अपराध की तरफ उन्मुख करने में पितृसत्तात्मक समाज का बहुत बड़ा हाथ रहा है। सालों से महिलाएं सामाजिक अन्याय सहती आई हैं। अब अन्याय सहने वाली कुछ महिलाओं को लग रहा है कि जब तक वे खुद सत्ता और शक्ति नहीं बनेंगी, उनके साथ न्याय नहीं होगा। यही नहीं, आधुनिक जीवनशैली की वजह से भी कई युवतियां अपराध से जुड़ रही हैं, जहां उन्हें लगता है कि अपराध से आसानी से कमाई होती है। लेकिन अध्ययनों की मानें तो चोरीचकारी जैसे अपराधों में लिप्त 85 प्रतिशत युवा बहुत जल्द पकड़े जाते हैं और उनकी जिंदगी या तो जेल में गुजरती है या सुधार गृहों में ऐसे अपराधों में लिप्त युवतियों का हाल और भी खराब होता है, जब उन्हें अपने ही साथियों के हाथों यौन हिंसा का भी शिकार होना पड़ता है।
This story is from the February 24, 2024 edition of Anokhi.
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हेयर स्ट्रेटनर का नियमित इस्तेमाल करेगा नुकसान
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार सौंदर्य विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं,

मिलिए, पर्यावरण की इस अनूठी प्रहरी से
कुछ उपलब्धियां बेमिसाल बन जाती हैं। ऐसी ही एक उपलब्धि है, वन्यजीव विज्ञानी पूर्णिमा देवी रमन की। उन्हें हाल ही में टाइम्स वुमेन ऑफ द ईयर का सम्मान मिला। इस साल यह खिताब पाने वाली वह भारत की इकलौती महिला हैं। पूर्णिमा की सफलता के इस सफर को साझा कर रही हैं

गर्भनिरोधक गोलियां क्या वाकई हैं नुकसानदेह?
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी

कपड़ों से झलकेगी आपकी ताकत
अगर आप भी इस बात से परेशान हो चुकी हैं कि ऑफिस में कोई आपको गंभीरता से नहीं लेता तो अपने कामकाज के तरीके को बेहतर बनाने के साथ-साथ पहनावे का सलीका भी बदलें। क्या है पावर ड्रेसिंग और कैसे इसे अपनाएं, बता रही हैं

संघर्ष-सफलता का जश्न
महिला अधिकारों की बातों को हम सिर्फ एक दिन में सीमित करके नहीं रख सकते। पर, हां इस एक दिन यानी 08 मार्च को हम महिलाओं के संघर्ष और उनकी सफलता जश्न थोड़ा और ज्यादा जरूर मना सकते हैं। 1909 में पहली दफा महिला दिवस मनाया गया था। पिछले 116 सालों में हमने एक लंबा सफर तय किया है। पर, इस बात में कोई दोराय नहीं कि बराबरी और बेहतरी की राह अभी काफी लंबी है। दुनिया भर की प्रसिद्ध महिलाओं द्वारा महिला अधिकार और बराबरी के बारे में कही गई ये बातें अपने अधिकार और भविष्य को लेकर आपको जोश से भर देगीः

एक दिन नहीं सवाल पूरी जिंदगी का है
महिला दिवस के बारे में जितनी बातें होती हैं, संकल्प लिए जाते हैं, वो सिर्फ खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। इस दिन को हम सबको हल्के में लेने से बचना चाहिए, क्योंकि यह हम सबकी जिंदगी का सवाल है। क्यों हमें महिला दिवस को गंभीरता से लेना चाहिए, बता रही हैं

आप भी करती हैं हर फरमाईश पूरी?
बाल मन चंचल होता है, जो हर वक्त कुछ नया मांगता रहता है। कम मिले तो वह लालसा में रहता है और ज्यादा मिले तो जिद और क्रोध से भर सकता है। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी होती है कि बच्चों की मांग और उसकी पूर्ति के बीच सटीक तालमेल बैठाकर रखा जाए। कैसे साधें यह संतुलन, बता रही हैं

बस, ये चावल काफी हैं
हर दिन तीन दफा पूरे परिवार के लिए खाना बनाना आसान काम नहीं। ऐसे में अगर कभी कम मेहनत में कुछ स्वादिष्ट खाने का मन है, तो झटपट बना लीजिए ये तरह-तरह के चावल, रेसिपीज बता रही हैं

पैसों की कमान अब लें अपने हाथ
आप घर-बाहर, ऑफिस... हर जगह अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाती हैं, फिर आर्थिक मामलों में निर्णय लेते वक्त हाथ पीछे क्यों खींच लेती हैं? कैसे घर के आर्थिक मामलों की कमान महिलाएं अपने हाथों में ले सकती हैं, बता रही हैं

घर दिखेगा महल जैसा
घर के इंटीरियर में छोटे-मोटे बदलावों से आप अपने साधारण घर को भी आलीशान लुक दे सकती हैं। अपने घर को आलीशान लुक देने के लिए लाइटिंग से लेकर घर की सजावट तक में कैसा बदलाव करें, बता रही हैं