बच्चा अच्छे नंबर लाया। मुंह मीठा करना तो बनता है। मौसी-मौसा, चाची-चाचा आए तो चॉकलेट ले आए। अरे, बेटा खाना नहीं खाना तो मत खाओ। पर, अपनी मिठाई तो खा लो। हमारी हर बात मीठे से शुरू होती है और मीठे पर खत्म होती है। खासतौर पर जब बात आपके लाडले की हो। लेकिन अकसर दुलार में अपने बच्चे को मीठा खाने का आग्रह करते-करते हम उसे सेहत की खतरनाक राह पर रवाना कर देते हैं और कुछ समय बाद ही अपने बच्चे का मीठे की ओर जरूरत से ज्यादा झुकाव चेहरे पर चिंता की लकीरें खींचने लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अतिरिक्त चीनी का सेवन बच्चों में मोटापा बढ़ाता है। दांतों का खराब होना और टाइप-2 डायबिटीज की आशंका में भी इजाफा करता है। ज्यादा शक्कर बच्चों की खुराक से पोषक तत्वों के विकल्पों को दूर कर सकता है। नतीजा, शरीर में पोषक तत्वों की कमी। अध्ययन बताते हैं कम शक्कर खाने वाले बच्चों की तुलना में ज्यादा शक्कर खाने वाले बच्चों को हृदय रोग की आशंका ज्यादा होती है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप अपने लाडले को अतिरिक्त शक्कर के फेर से दूर रखें ताकि वह स्वस्थ्य रह सके।
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पहली तिमाही में पेट से जुड़े व्यायाम न करें
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अब रोज खाओ अंडे
ठंड आते ही प्रोटीन से भरपूर अंडे हमारी डाइट में प्रमुखता से शामिल होने लगते हैं। उबले अंडे या फिर ऑमलेट खाने की जगह अंडों से बनाएं और कौन-कौन से व्यंजन, बता रही हैं देविका सिंह
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ठंड में भी दमकेगी त्वचा
मौसम बदल रहा है और आपकी त्वचा का मिजाज भी। त्वचा पर खुश्की नजर आने लगी है। अब आपको भी समझ जाना चाहिए कि समय आ गया है त्वचा को बदलते मौसम के हिसाब से ढालने का। सर्दियों के लिए कैसी हो त्वचा की तैयारी, बता रही हैं स्वाति शर्मा
विवाह करने का एक फायदा यह भी
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
लौंग दा लश्कारा
पिछले कुछ समय में नाक में पहने जाने वाले तरह-तरह के गहनों का चलन बढ़ा है। अगर आपको भी नाक में जेवर पहनने का शौक है, तो आपके पास विकल्पों की भरमार है। कैसे चुनें अपने लिए ये जेवर और क्या-क्या हैं आपके सामने विकल्प, बता रही हैं स्वाति गौड़