वक्त बदल रहा है, दुनिया बदल रही है और उस के साथ बदल रहे हैं प्यार ढूढ़ने के तरीके. इंटरनैट और सोशल मीडिया के इस दौर में यंगस्टर्स अपने सराउंडिंग से कटते जा रहे हैं. घर की चारदीवारी से बाहर निकलना बड़ा एक्सपैंसिव हो गया है. ऐसे में उन के लिए गर्लफ्रेंड और बौयफ्रैंड ढूंढ़ना मुश्किल होता जा रहा है. रिश्तों की तलाश के दायरे बढ़ते जा रहे हैं. गलीमहल्ले से निकल कर यंगस्टर्स दुनियाभर में अपने कुछ वक्त या लाइफटाइम के लिए पार्टनर की तलाश कर रहे हैं.
यही वजह है कि यंगस्टर्स अब सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स का सहारा ले रहे हैं. यह एक अच्छा माध्यम है दुनियाभर के लोगों से जुड़ने का. टिंडर, बंबल, मिंगल और हिंगे जैसे डेटिंग ऐप्स प्यार और रोमांस के पारंपरिक तरीके से हट कर नए मौके दे रहे हैं.
भारत में डेटिंग ऐप्स पिछले कुछ सालों से ज्यादा ऐक्टिव हुए हैं, खासकर कोरोना के वक्त से जब लोगों का घर से बाहर निकलना नामुमकिन था. उस वक्त यंगस्टर्स अपनी बोरियत दूर करने के लिए लोगों को औनलाइन तलाश कर रहे थे.
कोरोना महामारी ने यंगस्टर्स की आदतों को भी हमेशा के लिए बदल दिया है. अधिक से अधिक भारतीय युवा, यहां तक कि छोटे शहरोंकसबों के भी प्यार और साथ पाने के लिए डेटिंग ऐप्स पर भरोसा कर रहे हैं. एकदूसरे को जानने के लिए पर्सनली मिलने के बजाय वीडियो कौल को चूज कर रहे हैं और फिर लोगों से मिल रहे हैं.
जैसेजैसे भारत में डेटिंग कल्चर बढ़ा, वैसेवैसे ही डेटिंग ऐप्स की लोकप्रियता भी बढ़ी. लोग नए मौके तलाश रहे हैं. वे स्कूलकालेजों से निकल कर नैशनल और इंटरनैशनली डेटिंग के अनुभव तलाश रहे हैं.
सोशल ऐक्सेप्टेंस से बदलता नजरिया
Diese Geschichte stammt aus der February 2024-Ausgabe von Mukta.
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