राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर बवाल
देश की पश्चिमी छोर पर स्थित महाराष्ट्र राज्य की भूमि कई मामलों में महत्वपूर्ण है। राम काल से लेकर आजादी की लड़ाई तक यह भूमि चर्चा में रही है। चाहे मामा मारीच की बात हो या सीता माता की तलाश में नाशिक में रुके भगवान राम की बात हो या फिर मुगलों को परास्त करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता ख्याति या मराठा साम्राज्य का विस्तार हो, ऐसे कई विषयों में महाराष्ट्र की मिट्टी अपनी अलग छाप छोड़ती है। भक्ति के सागर से लेकर शक्ति का गागर बहाने वाली महाराष्ट्र की भूमि किसी परिचय की मोहताज नहीं है। कई मामलों ने विश्व प्रसिद्ध महाराष्ट्र पिछले महीने से खासी चर्चा में है। यहां की राजनीति इस कदर मोड़ ले चुकी है कि वह आम जनता की समस्या से परे होकर आदर्शों के भवर में फंस गई है। छत्रपति शिवाजी महाराज नए आदर्श हैं या पुराने, इस विवाद में सत्ताधारी भाजपा और शिंदे गुट से विपक्ष आपस में भिड़ रहे हैं और इसकी शुरुआत की है राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने एक भाषण में कोश्यारी ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और केंद्रीय मंत्री को नए जमाने का आदर्श बताया और शिवाजी महाराज को कहा कि अब ये पुराने जमाने के आदर्श हो चुके हैं। उनके इस बयान ने मानो महाराष्ट्र से उद्योग, बेरोजगारी, बाढ़ आपदा जैसी दर्जनों प्रथमिक समस्या को बगल कर दिया और सबसे महत्वपूर्ण हो गया 'शिवाजी पुराने आदर्श क्यों' का मुद्दा। इसे उनका अपमान बताते हुए विपक्ष ने सरकार को घेर लिया है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के आराध्य दैवत छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने का बीड़ा भाजपा ने उठाया है। आयेदिन भाजपा नेता शिवाजी महाराज पर नए-नए बयान देकर विवादों को जन्म दे रहे हैं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, भाजपा प्रवक्ता व सांसद सुधांशू त्रिवेदी, महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा के बाद अब भाजपा के एक और नेता प्रसाद लाड ने भी शिवाजी महाराज के जन्म स्थान को लेकर विवादित बयान दिया। विपक्ष के अनुसार लोक प्रतिनिधियों को शिवाजी महाराज का इतिहास मालूम नहीं है। यह महाराष्ट्र के लिए नहीं, बल्कि पूरे हिंदुस्तान के लिए शर्म की बात है।
Diese Geschichte stammt aus der December - 2022-Ausgabe von DASTAKTIMES.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der December - 2022-Ausgabe von DASTAKTIMES.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
अब आकांक्षा पुरी संग रोमांस करेंगे खेसारी
भोजपुरी सिनेमा के ट्रेंडिंग स्टार खेसारी लाल यादव एक बार फिर चर्चा में हैं और इस बार उनके साथ खूबसूरत अभिनेत्री आकांक्षा पुरी हैं। दोनों की एक खास तस्वीर सोशल मीडिया पर धूम मचा रही है।
ऑस्ट्रेलिया में लगेगी जीत की हैट्रिक!
भारत ने आस्ट्रेलिया में पिछली दो टेस्ट सीरीज जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी पर कब्जा बना रखा है, जबकि आस्ट्रेलिया ने 2015 के शुरुआत में घरेलू सीरीज में 2-0 से जीत हासिल की थी। रवि शास्त्री ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल बातचीत में कहा, जसप्रीत बुमराह फिट हैं, मोहम्मद शमी फिट हैं, आपके पास मोहम्मद सिराज भी हैं।
थम गये स्वर कोकिला के स्वर
बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी जिंदगी की कहानियां, छठ गीत और उनकी मधुर आवाज शायद ही किसी संगीतप्रेमी के मन से जा सकती है।
बॉडीगार्ड
अपने काले चश्मे से डेविड की ओर देखकर रिकी ने कहा, शिकागो से मेरा दोस्त जॉकी रॉबिन्सन यहां आने वाला है। डेविड ने स्वीकृति में अपना सिर हिला दिया। उसने मुंह से सिगार बाहर निकालकर उसकी राख को एश ट्रे में छोड़ दिया फिर उसे अपने होठों के बीच रख लिया।
परिश्रम से ही कामनाओं की प्राप्ति होगी
ऋग्वेद में प्रत्यक्ष सांसारिक कर्तव्य पालन पर ढेर सारे मंत्र हैं। कृषि कर्म समृद्धिसूचक है। पशुपालन सहज व्यवसाय है। पूर्वजों को गायें प्रिय हैं। पूर्वज उनकी सेवा करते हैं। उन पर हिंसा को अपराध बताते हैं। ऋषि का अनुरोध है 'हे मित्रों! गायों, पशुओं के पानी पीने के बहुत स्थान बनाओ।' आर्य अश्व प्रिय भी हैं। घोड़े पालते हैं।
छठी मइया आईं न दुअरिया
छठ पर्व की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह पूरे चार दिन तक जोश-खरोश के साथ निरंतर चलता है। पर्व के प्रारम्भिक चरण में प्रथम दिन व्रती स्नान करके सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे 'नहाय खाय' कहा जाता है। वस्तुतः यह व्रत की तैयारी के लिए शरीर और मन के शुद्धिकरण की प्रक्रिया होती है। मान्यता है कि स्वच्छता का ख्याल न रखने से छठी मइया रुष्ट हो जाती हैं- प्रथम दिन सुबह सूर्य को जल देने के बाद ही कुछ खाया जाता है।
ब्रिक्स विकासशील देशों का मंच या एंटी वेस्टर्न ब्लॉक
भारत इस ब्लॉक में सबसे सकारात्मक रवैए को लेकर चलता है लेकिन रूस और चीन के अपने हित, चिंताएं और उसके अनुरूप डिप्लोमेसी है। ब्रिक्स के वर्तमान सदस्य देशों और अन्य नए बनने वाले सदस्यों में से कई ऐसे हैं जो अमेरिका के नेतृत्व वाले वेस्टर्न ब्लॉक, नाटो, यूरोपीय संघ की सामरिक आर्थिक नीतियों से नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं। रूस और ईरान इसके विशेष उदाहरण हैं।
कोल्हान और संथाल तय करेगा झारखंड का सियासी भविष्य
कोल्हान क्षेत्र की जनता इस बार कई बड़ी हस्तियों का सियासी भविष्य भी तय करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन इसके सबसे बड़े नजीर होंगे। पूर्णिमा दास साहू की जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत-हार सीधे उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास की राजनीति पर असर पड़ेगा। वहीं पोटका से पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा की लड़ाई दोनों की जमीनी पकड़ परखेगी। सबसे दिलचस्प नजारा जमशेदपुर पश्चिम में दिखेगा यहां सरयू राय और मंत्री बना गुप्ता मैदान में हैं।
क्या हरियाणा कांग्रेस विद्रोह के कगार पर खड़ी है!
कांग्रेस हाई कमान के दोबारा हुड्डा को गद्दीनशीन करने के कदम से गैर जाट वर्ग और आक्रोशित हो गया तथा 2014 के विधानसभा चुनावों में, जो पुनः हुड्डा के ही नेतृत्व में लड़े गए थे, कांग्रेस को 15 सीटों तक समेट कर रख दिया। हाईकमान को अपनी गलती का आभास होने लगा तथा हाईकमान ने भजन लाल के राजनीतिक वारिस कुलदीप बिश्नोई को 2016 में दोबारा शामिल कर लिया ताकि नाराज गैर जाट वर्ग को अपने साथ जोड़ सके।
किसमें कितना दम
राज्य की चार विधानसभा सीटों तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ में उपचुनाव होगा। इनमें से तीन सीट पर महागठबंधन का कब्जा रहा है। यहां से विधायकों के लोकसभा चुनाव में जीतकर सांसद बनने के चलते यह सीटें खाली हुई हैं। इस तरह देखा जाए तो सबसे अधिक दांव महागठबंन का लगा है। महागठबंधन की ओर से तीन सीटों रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज से राजद, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) तरारी से चुनाव लड़ रही है। एनडीए की ओर से दो पर भाजपा तो एक-एक पर जदयू और हम लड़ रहे हैं।