मणिपुर हिंसा: यह आग कब बुझेगी?
DASTAKTIMES|July 2023
मणिपुर में हुई हिंसा के पीछे कुछ और कारण होने की बात भी कही जा रही है। मणिपुर में सरकार के समर्थकों का कहना है कि जनजाति समूह अपने हितों को साधने के लिए सीएम बीरेन सिंह को सत्ता से हटाना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने ड्रग्स के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। प्रदेश में बीरेन सिंह की सरकार अफीम की खेती को नष्ट कर रही है और कहा जा रहा है कि इसकी मार म्यांमार के अवैध प्रवासियों पर भी पड़ रही है।
देवव्रत
मणिपुर हिंसा: यह आग कब बुझेगी?

देश के उत्तर-पूर्व का एक राज्य मणिपुर बीते करीब डेढ़ माह से हिंसा की चपेट में है। हिंसा के चलते जहां सैकड़ों लोगों की जानें जा चुकी हैं, वहीं संपत्ति का भी खासा नुकसान हुआ है। स्थिति यह है कि इंफाल के कोंगबा में स्थित केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह तक के घर को उन्मादी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। हिंसा का दौर थामने के लिए सेना को मैदान में उतारना पड़ा लेकिन हालात अब भी बहुत बेहतर नहीं हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर का दौरा भी कर चुके हैं। उसके बाद उन्होंने सर्वदलीय बैठक में भी इस मसले को लेकर चर्चा की। गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर दौरे के समय सभी पक्षों से बात कर 15 दिनों के भीतर शांति बहाल करने की अपील की थी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा को मैतेई और कुकी समुदाय के बीच खाईं पाटने की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन मणिपुर में हिंसा लगातार जारी है। मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में केंद्र सरकार ने 51 लोगों की जो शांति कमेटी बनाई है, उसको लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। एक तरफ कुकी जनजाति की सर्वोच्च संस्था कुकी इंपी ने शांति समिति के गठन को खारिज किया है। वहीं, मैतेई समुदाय का नेतृत्व कर रही कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी ने इस शांति कमेटी में शामिल नहीं होने की घोषणा की है। 

ऐसा नहीं है कि पूर्वोत्तर का केवल यही एक राज्य है जहां हिंसा हुई है। दरअसल, उत्तर पूर्व में त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मणिपुर आदि राज्य आते हैं। इन सभी राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। जबकि बाकी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी सत्ताधारी गठबंधन में शामिल है। मणिपुर के अलावा भी असम, त्रिपुरा, मेघालय और मिज़ोरम में हिंसा लगातार होती रही है। अगस्त, 2021 में असम-मिज़ोरम सीमा पर हुई हिंसा में असम पुलिस के पांच जवान मारे गए थे। अक्टूबर-नवंबर 2021 में त्रिपुरा में हिंदू-मुसलमान हिंसा भड़क गई थी। नवंबर 2022 में असम- मेघालय सीमा पर हिंसा भड़क उठी थी जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी।

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