ऐसे कसा अमेरिकी कानून का शिकंजा
DASTAKTIMES|December 2024
एक मामूली साड़ी विक्रेता से दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनने का सफर गौतम अडाणी के लिए किसी परीकथा से कम नहीं। भारत की नम्बर वन कंपनी बनने के बाद अडाणी ग्रीन एनर्जी का अमेरिका की तरफ रुख करना शायद अहंकारी अमेरिकी कारोबारियों को पसंद नहीं आया। जो बाइडन प्रशासन के इशारे पर अमेरिका की जांच एजेंसियों ने इस कंपनी की साख पर कूटनीतिक हमला किया। अब एक ऐसी कहानी सामने आई जिसने सबके होश उड़ा दिए।
ऐसे कसा अमेरिकी कानून का शिकंजा

गुजरात के कभी एक साधारण से गुमनाम व्यापारी रहे गौतम अडाणी की कहानी खासी दिलचस्प है। घर-घर जाकर साड़ियां बेचने वाले अडाणी परिवार ने केवल पांच लाख रुपए से 1988 में अपना घरेलू टाइप का बिजनेस शुरू किया था। लेकिन नरेन्द्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी किस्मत अचानक चमक उठी। और देखत देखते अडाणी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 15वें नंबर पर आ गए। यह ग्रुप आज भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक है और ऊर्जा, बंदरगाह, हवाई अड्डों, कोयला व्यापार जैसे कई क्षेत्रों में काम करता है। अडाणी समूह की कम से कम सात कंपनियां भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हैं। अडाणी समूह कई हवाई अड्डों के साथ-साथ देश के सबसे बड़े निजी बंदरगाह गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह को भी नियंत्रित करता है। जनवरी 2023 में इस समूह ने इजराइल के हाइफा बंदरगाह को 1.15 बिलियन डॉलर में खरीदा। अडाणी समूह पड़ोसी बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति करता है और ऑस्ट्रेलिया में विवादास्पद कारमाइकल कोयला खदान को संचालित करता है। 2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नरेन्द्र मोदी ने एलान किया कि अब भारत ग्रीन एनर्जी की तरफ तेजी से आगे बढ़ेगा। और एक साल के अंदर ही मौके की नजाकत समझने वाले इस कारोबारी ने अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) नाम की एक कंपनी बना ली। अडाणी ग्रुप में रीन्यूबल एनर्जी यानी नवीकरणीय ऊर्जा एक नई कंपनी थी। बताते चलें कि नवीकरणीय ऊर्जा, सूरज के प्रकाश या हवा जैसे प्राकृतिक स्रोतों से मिलने वाली वह ऊर्जा है जो खपत की तुलना में तेजी से फिर से रीचार्ज हो जाती है। आज यह कंपनी भारत में बड़े पैमाने पर सौर औरपवन ऊर्जा प्रोजेक्ट बनाती और चलाती है।

ताजा विवाद अडाणी की इसी ऊर्जा कारोबार से जुड़ा है। इस कंपनी का अमेरिका से कनेक्शन उस वक्त जुड़ा जब कंपनी अमेरिकी निवेशकों के लिए ग्रीन बांड लेकर आई। जो बाइडेन के चुनाव जीतने के बाद 2019 के अंत में, एजीईएल विदेशी निवेशकों को $362.5 मिलियन मूल्य के निवेश-ग्रेड अमेरिकी डॉलर ग्रीन बांड की पेशकश करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई। ये बांड 15 अक्टूबर 2019 को सिंगापुर एक्सचेंज सिक्योरिटीज ट्रेडिंग लिमिटेड (एसजीएक्स-एसटी) पर सूचीबद्ध हुआ था। और इसे 2039 में इसी तारीख को परिपक्व होना था।

एईसी यानी अमेरिका का सेबी

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