मंईयां का मैजिक
DASTAKTIMES|December 2024
पहली बार झारखंड विधानसभा चुनाव में परंपरा बदली, इंडिया लगातार दूसरी बार सत्ता में आई। 81 सीटों में से इंडिया गठबंधन को रिकॉर्ड 56 सीट मिले। जीत का सबसे बड़ा कारण मंईयां योजना और सोरेन की पत्नी कल्पना की प्रचार शैली रही। हेमंत गठबंधन बचाने में सफल रहे, कल्पना सोरेन का धुआंधार प्रचा काम आया और मंईयां सम्मान योजना सफल रही। हेमंत की जेल यात्रा का असर और ग्राउंड जीरो पर कुशल रणनीति भी जीत का महत्वपूर्ण हिस्सा रही।
उदय चौहान
मंईयां का मैजिक

हैमंत सोरेन ने चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। झारखंड की स्थापना के 24 वर्षों के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। कि किसी मुख्यमंत्री ने दोबारा शपथ ली है। इन सब के बीच जनता ने ऐतिहासिक फैसला लिया और इंडिया गठबंधन की सरकार को पूर्ण बहुमत दिया है। दूसरी तरफ एनडीए का घुसपैठिया का मुद्दा उल्टा पड़ गया। बाहरी नेताओं के हाथ कमान देना, हेमंत सोरेन को टारगेट करना, चुनाव के दौरान छापे, पार्टी में गुटबाजी और बागी नेताओं से परेशानी हार का कारण बनी।

झारखंड के चुनावी नतीजे ने हेमंत सोरेन की जमीनी ताकत का एहसास विपक्ष को करवा दिया। हालांकि, इसकी तैयारी हेमंत सोरेन ने करीब 10 माह पहले ही शुरू कर दी थी। ऐसा नहीं है कि भाजपा ने ताकत लगाने में कोई कसर छोड़ी। भाजपा किसी भी कीमत पर झारखंड जीतना चाहती थी लेकिन हेमंत की जेल यात्रा और कल्पना का उदय, मंईयां योजना के साथ-साथ किशोरी समृद्धि योजना, गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना ने झारखंड में हेमंत की वापसी की आधारशिला रख दी थी।

इस परिणाम से एक बात साफ हो गई कि हेमंत की सत्ता में वापसी महिलाओं के समर्थन का परिणाम है। इस चुनाव में कुल 1.77 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले, इसमें 51.56% यानी 91.6 लाख महिला वोट पड़े। इस बार पुरुष वोट सिर्फ 48.4% ही पड़े। पुरुषों की तुलना में महिला वोटरों ने 3.82% अधिक को डाले हैं।

राज्य के 81 सीटों में से 68 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया है। हेमंत सोरेन ने मंईयां योजना के जरिए महिला मतदाताओं को टारगेट किया और सफलता पायी। चुनाव से पहले ऋण माफी योजना को लांच किया और किसानों को आर्थिक सहायता दी गई। जब भाजपा ने उसके जवाब में गोगो दीदी योजना में 2100 रुपए हर महीने देने का वादा किया तब हेमंत सरकार ने दिसंबर से मंईयां योजना की राशि 1000 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए करने का निर्णय किया।

महिलाओं के बीच इस योजना ने दोतरफा असर किया। जिन्हें इसका लाभ मिल चुका था, वह संतुष्ट थीं, जिन्हें नहीं मिला था उन्हें मिलने की उम्मीद थी। चुनाव से पहले सत्ता पक्ष की मंईयां योजना का पैसा मिल चुका था, इसलिए महिलाओं ने इस पर ज्यादा भरोसा किया। ऐसा पहले मध्य प्रदेश में हुआ और अब झारखंड और महाराष्ट्र में भी महिला वोटों को रिझाने में बड़ी भूमिका निभाई।

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