"ज" वाब दीजिए. आप लंबी दूरी की उड़ान पकड़ने जा रहे हैं और टेक-ऑफ से ठीक पहले अपने आइ - पैड पर दक्षिण की धमाकेदार फिल्म आरआरआर, जो पूरे तीन घंटे की है, डाउनलोड करके देखने का फैसला करते हैं. अगर आप भारत की बेहतरीन से बेहतरीन ब्रॉडबैंड सेवा के ग्राहक हों, तब भी उसे डाउनलोड करने में करीब आधा घंटा लगेगा. लिहाजा, आप इस ख्याल को झटक देते हैं, हैं ना? लेकिन कल्पना कीजिए कि आपके पास ऐसा नेटवर्क है जिसके जरिए आप एक मिनट से भी कम वक्त में पूरी फिल्म डाउनलोड कर पाते हैं? चलो आपके पसंदीदा खेल को लेते हैं - शायद, क्रिकेट. आपको लगता है कि सराउंड साउंड के साथ बड़े आकार की स्क्रीन पर अपने हाइ डेफिनिशन टीवी पर इसे देखना बहुत कुछ इसे लाइव देखने की तरह है. तो, दोबारा सोचए. आप वर्चुअल रियलिटी (वीआर) हेडसेट पहनकर किसी भी अच्छी और सुविधाजनक जगह से मैदान में चल रही गतिविधियां ठीक उसी वक्त इस तरह देख सकते हैं जैसे आप उसी स्टेडियम में हों, जहां वह मैच खेला जा रहा है.
यह सब इतना दिलकश है कि ख्याली पुलाव मालूम देता है, खासकर हमारे शहरों तक में अंधाधुंध कॉल ड्रॉप और कनेक्टिविटी के मसलों को देखते हुए, दूर-दराज के इलाकों को तो छोड़ ही दें. मगर पांचवीं पीढ़ी की टेलीकॉम नेटवर्क टेक्नोलॉजी या 5जी का लागू होना - मौजूदा 4जी के मुकाबले कम से कम 10 गुना ज्यादा तेज डेटा ट्रांसमिशन के साथ-इस सबको बदलने जा रहा है. भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटरों को 5जी स्पेक्ट्रम या रेडियो तरंगों की हाल में हुई नीलामी से इस टेक्नोलॉजी की जबरदस्त संभावनाओं के साकार होने की शुरुआत हो सकती है. मुकाबले में तीन निजी सेवा प्रदाता थे - रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया. सरकारी भारत संचार निगम लिमि. (बीएसएनएल) भी, जो अभी 4जी लागू करने में ही संघर्ष कर रहा है, 5जी तरंगें चाहता था, ताकि कहीं मौका न चूक जाए.
This story is from the August 17, 2022 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the August 17, 2022 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
लीक से हटकर
मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे
खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई