![अथ चंद्रशेखर चरित मानस अथ चंद्रशेखर चरित मानस](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1695629724/articles/mivjXnvEZ1695644340177/1695644814702.jpg)
मधेपुरा शहर से तकरीबन 11 किमी दूर एक छोटा-सा गांव है, भेलवा. इस गांव में 250 परिवार रहते हैं. भेलवा बाजार से लगभग एक किमी अंदर जाने पर एक गली के आखिर में एक बड़ा-सा मकान है और उस मकान के ठीक सामने एक ऊंचे खंभे में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की तसवीर वाला झंडा फहराता नजर आता है. इस मकान को देखकर कुछ भी पूछने की जरूरत नहीं पड़ती. समझ आ जाता है कि यही बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का घर है.
हिंदी दिवस के मौके पर एक आयोजन में रामचरित मानस के एक छंद की तुलना सायनाइड से करने की वजह से विवाद में आए चंद्रशेखर इन दिनों मीडिया से बातचीत करने से बच रहे हैं. ऐसे में लगा कि उनके पैतृक आवास पर मौजूद लोग भी शायद बातचीत न करें. मगर उन्होंने न सिर्फ दरवाजा खोला, बल्कि दरवाजे पर एक चौखड़े दालान में हमें बिठाया और थोड़ी देर में एक छोटी-सी महफिल जम गई. उस महफिल में मंत्री चंद्रशेखर के खानदान के कई लोग थे और उनके पुराने मैनेजर जनार्दन शर्मा भी थे. थोड़ी-सी बातचीत के बाद ही ये लोग खुल गए.
रिश्ते में मंत्री चंद्रशेखर के चाचा लगने वाले रत्नेश यादव ने कहा, “देखिए, हमारे चंद्रशेखर में कोई अवगुण नहीं है. वे किसी के बहकावे में ऐसे बयान देते हैं. हम लोग धर्म और परंपरा को मानने वाले लोग हैं, हमारी कुलदेवी ज्वालामुखी हैं. वे गांव में आधे घंटे के लिए भी आते हैं तो गहवर में जाकर कुलदेवी को प्रणाम जरूर करते हैं."
“किसके बहकावे में?"
"और किसके, लालूजी के और तेजस्वी के बहकावे में कहते हैं."
उनकी इतनी-सी बात सुनते ही चंद्रशेखर के मैनेजर जनार्दन शर्मा गरम हो जाते हैं और फिर लालू बनाम मोदी, भाजपा बनाम इंडिया की वह अंतहीन बहस शुरू हो जाती है, जो आजकल हर चौराहे पर अक्सर दिखने लगी है. दिलचस्प है कि इस बहस में शिक्षा मंत्री के मैनेजर अकेले मोदी के विरोध का मोर्चा संभाले नजर आते हैं. मंत्री जी के परिवार के ज्यादातर लोग मोदी के पक्ष में तर्क देने लगते हैं.
“आप लोग तो परिवार के आदमी होकर भी चंद्रशेखर जी की पार्टी के खिलाफ हैं?"
इस सवाल पर रत्नेश यादव कहते हैं, "शेखर के खिलाफ नहीं हैं. वो तो जीतेगा ही. मगर एमपी में हम लोग वोट उनकी पार्टी को नहीं देंगे, इतना तय है."
This story is from the October 04, 2023 edition of India Today Hindi.
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![अब पंजाब की पहरेदारी अब पंजाब की पहरेदारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/8XJdjA3wB1739796311485/1739796457045.jpg)
अब पंजाब की पहरेदारी
अरविंद केजरीवाल के लिए सवाल यह नहीं है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का भविष्य है या नहीं. उनके लिए प्रश्न यह है कि पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में एक आइडिया के रूप में प्रासंगिक रहेगी या नहीं. दिल्ली में पार्टी की हार के तीन दिन बाद 11 फरवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब के 95 में से 86 आप विधायकों के साथ उनकी आधे घंटे बैठक हुई. माना जाता है कि इसमें केजरीवाल ने बताया कि पार्टी के भविष्य को लेकर उनके मन में क्या है.
![भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/3573rr2xc1739796211678/1739796309010.jpg)
भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 फरवरी को जब भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनका उत्साह हमेशा के मुकाबले एक अलग ही मुकाम पर था.
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बीरेन की विदाई के बाद...
फरवरी की 13 तारीख की शाम को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा और चार दिन पहले मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले एन. बीरेन सिंह ने करीब-करीब इसी समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबी पोस्ट लिखी.
![धूम-धड़ाके के साथ वापसी धूम-धड़ाके के साथ वापसी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/l_7BeaTuF1739796459225/1739797267379.jpg)
धूम-धड़ाके के साथ वापसी
भाजपा ने 2024 के आम चुनावों में लगे झटके के बाद चुनावी लिहाज से अपनी स्थिति सुधारी और अकेले के बूते बहुमत हासिल कर लेने में सक्षम. मगर मोदी सरकार के लिए देश की अर्थव्यवस्था अब भी बनी हुई है चिंता की बड़ी वजह
![रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/V1y3fpEIW1739185336590/1739185578189.jpg)
रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी
कहते हैं उपनिषदों का ज्वलंत ज्ञान सबके लिए नहीं है. वजहः यह बुद्धि मात्र की यानी सिर्फ बौद्धिक उपलब्धि नहीं बल्कि शरीर पर उसके निरंतर गहन अभ्यास से आप वहां तक पहुंचते हैं. लेकिन संगम में स्नान के लिए वे विभूतियां भी आती हैं जो तमाम सांसारिक आकर्षणों से दूर हो चुकी हैं.
![तगड़ा झटका तगड़ा झटका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/UozqDkrAT1739181839176/1739182008378.jpg)
तगड़ा झटका
दरअसल, दंडकारण्य के घने जंगलों में, जहां पत्तों की हर सरसराहट के साथ शिकार और शिकारी के बीच की सीमा रेखाएं धुंधली पड़ जाती हैं, अभी-अभी वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ देश की लंबे वक्त से चल रही लड़ाई का एक नाटकीय अध्याय लिखा गया.
![क्राइम कैपिटल की छवि से उबरने को कसमसाता एक शहर क्राइम कैपिटल की छवि से उबरने को कसमसाता एक शहर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/dqcZ9XC8R1739182755901/1739183432199.jpg)
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कभी औद्योगिक शहर की पहचान रखने वाला मोकामा आखिर नब्बे के दशक में कैसे बना बिहार का क्राइम कैपिटल? अपनी बदनाम छवि से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा यह शहर हाल में गुटों के बीच भारी गोलीबारी से एक बार फिर दहला
![बढ़िया, संतुलित कदम बढ़िया, संतुलित कदम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/LkrLRStgQ1739182151613/1739182432303.jpg)
बढ़िया, संतुलित कदम
अब जब बाहरी दुनिया में अनिश्चितता दिख रही है तो 2025 के बजट में कुछ बेहद आवश्यक आश्वासन दिए गए हैं, साथ ही राजकोषीय विवेक की सीधी और संकरी राह का अनुसरण किया गया है
![विश्व का सबसे खतरनाक गेंदबाज विश्व का सबसे खतरनाक गेंदबाज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/HuuKZSb_Y1739183703170/1739184010840.jpg)
विश्व का सबसे खतरनाक गेंदबाज
आइसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर जसप्रीत बुमरा ने 2024 में इतने रिकॉर्ड तोड़े कि गिने न जाएं. अव्वल तेज गेंदबाज पाने भारत की दुआएं रंग लाईं. और अब तो वे एक कदम आगे बढ़कर खेल के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज बन गए
![किताबें, किरदार और ककड़ी किताबें, किरदार और ककड़ी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/Gbo_ZsIlR1739184011878/1739184202227.jpg)
किताबें, किरदार और ककड़ी
बाकी के रूटीनी मेलों से कितना अलग होता है किताबों और थिएटर के उत्सव-जलसों का मिजाज! जरूरत की या लक्जरी चीजों को खरीदने-बेचने के हड़बोंग से हटकर यहां दिखती है अपने भीतरी सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की बेचैनी (संदर्भ: प्रगति मैदान में दिल्ली विश्व पुस्तक मेला; राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में भारंगम). थोड़ा सजग रहें तो कई गुदगुदाते वाकयों से भी आप गुजरते हैं.