नवंबर 2021 में चंद्रबाबू नायडू बड़े ही जज्बाती अंदाज में आंध्र प्रदेश विधानसभा से वॉकआउट किया था. महिला सशक्तिकरण पर बहस के दौरान अपनी पत्नी भुवनेश्वरी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों से आहत नायडू ने डबडबाई आंखों के साथ हाथ जोड़कर कसम खाई थी कि वे जब तक मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, इस शासन सभा में नहीं लौटेंगे. करीब ढाई साल बाद 74 वर्षीय तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो की वह प्रतिज्ञा सफल हुई है.
निवर्तमान मुख्यमंत्री वाइ.एस. जगनमोहन रेड्डी की युवजन श्रमिक रायतू कांग्रेस पार्टी (वाइएसआरसीपी) के खिलाफ सत्ता विरोधी हवा का फायदा उठाकर नायडू ने अपनी पार्टी टीडीपी को जबरदस्त विजय दिलाई और अब वे चौथी बार राज्य की कमान संभालेंगे. उन्होंने 135 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की और अपने सहयोगी दलों-पवन कल्याण की जनसेना पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के साथ वे सभी 16 लोकसभा सीटें जीत लीं जिन पर उन्होंने उम्मीदवार खड़े किए थे. वाइएसआरसीपी की बुरी तरह से हार हुई. वह 175 सदस्यों की विधानसभा में महज 11 सीटों और 25 संसदीय सीटों में से 4 तक सिमट गई.
This story is from the 19th June, 2024 edition of India Today Hindi.
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लीक से हटकर
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यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
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विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
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बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई