बसवराज बोम्मई, 64 वर्ष | भाजपा | हावेरी, कर्नाटक
उनके पिता एस. आर. बोम्मई 1994 के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद केंद्र-राज्य संबंधों में प्रमुख नजीर बन गए बन गए थे. तीस साल बाद देश का संघीय ढांचा अब भी समय-समय पर लगने वाले झटकों से डगमगाता रहता है, भले ही राष्ट्रपति शासन के माध्यम से ऐसा न हो. मगर अब राज्य से केंद्र का सफर तय कर चुका उनका बेटा बाड़ की दूसरी तरफ से परिदृश्य को निहारेगा. कर्नाटक के मुख्यमंत्री के पद पर बासवराज का कार्यकाल तूफानी रहा, पर वे नाइटवॉचमैन ही साबित हुए, जो टिके रहे और छिटपुट रन बनाते रहे. साथ ही, समाजवाद से हिंदू दक्षिणपंथ के जरूरतमंद प्रवासी के तौर पर वे पुरोहितों से भी ज्यादा धर्मपरायण और वफादार हो गए हैं.
त्रिवेंद्र सिंह रावत, 63 वर्ष | भाजपा | हरिद्वार, उत्तराखंड
एक तरह से यह पुनर्जन्म जैसा है. पौड़ी के प्रचारक मुख्यमंत्री के पद पर अपने चार साल में ऐसे सख्त प्रशासक के तौर पर सामने आए, जिन्होंने दोस्त गंवाने की परवाह भी नहीं की. मगर कुछ ज्यादा ही सख्त साबित हुए. प्रतिष्ठित पवित्र स्थलों को चार धाम देवस्थानम बोर्ड को सौंपने के उनके फैसले ने पुरोहितों तक को पराया कर दिया. असंतोष बढ़ने पर आरएसएस का रुख भी ठंडा हो गया. फरवरी 2021 में चमौली में आई बाढ़ के बाद तो प्रशंसकों का भारी टोटा पड़ गया. उसी मार्च में गद्दी से उतार दिए जाने के बाद 2022 के विधानसभा चुनावों में उन्हें नहीं उतारा गया. मगर अब किस्मत फिर मेहरबान हुई है.
जगदीश शेट्टार, 68 वर्ष | भाजपा | बेलगावी, कर्नाटक
This story is from the July 24, 2024 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the July 24, 2024 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
लीक से हटकर
मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे
खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई