खास रहें पर पास नहीं!
India Today Hindi|August 14, 2024
पश्चिमी देशों से खरीद में बढ़ोतरी और स्वदेशी साजो-सामान पर जोर के चलते रूस के साथ सैन्य व्यापार में आई कमी. लेकिन देश के ज्यादातर हथियारों के रूसी होने की वजह से भारत को मॉस्को के साथ भी रणनीतिक प्रतिरक्षा रिश्ते बनाए रखने पड़ेंगे
प्रदीप आर. सागर
खास रहें पर पास नहीं!

भारत-रूस रिश्तों में दशकों के करीबी रणनीतिक गठजोड़ से उपजी गर्मजोशी और सद्भावना 8 और 9 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा में भी दिखाई दी. प्रधानमंत्री दोनों देशों के बीच 22वीं सालाना शिखर बैठक के लिए गए थे. अपने तीसरे कार्यकाल की इस पहली द्विपक्षीय यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में भाग लिया और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अकेले सीधे बात भी की. यात्रा का मुख्य जोर आर्थिक पहलुओं पर था, खासकर जब भारत की तरफ से रूसी तेल की खरीद की बदौलत दोतरफा व्यापार 2023-24 में 65.70 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया. लिहाजा ऊर्जा, व्यापार, मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी और उर्वरक से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई. हालांकि, भारत और रूस के बीच 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' के स्तंभों में से एक-रक्षा बिक्री और सैन्य-तकनीकी सहयोग-नेपथ्य में चला गया. यहां इस तथ्य को ध्यान में रखा जाना चाहिए कि हाल के बरसों में भारत रूसी हथियारों पर निर्भरता कम करता रहा है और अपनी बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार ज्यादा से ज्यादा अमेरिका और फ्रांस सरीखे पश्चिमी सहयोगी देशों और साथ ही अपने घरेलू हथियार उद्योग की ओर रुख कर रहा है.

This story is from the August 14, 2024 edition of India Today Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the August 14, 2024 edition of India Today Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM INDIA TODAY HINDIView All
लीक से हटकर
India Today Hindi

लीक से हटकर

मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे

time-read
4 mins  |
January 01, 2025
खूबसूरत काया का जलवा
India Today Hindi

खूबसूरत काया का जलवा

भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया

time-read
3 mins  |
January 01, 2025
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
India Today Hindi

खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना

शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है

time-read
3 mins  |
January 01, 2025
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
India Today Hindi

छलकने लगे मस्ती भरे दिन

यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं

time-read
3 mins  |
January 01, 2025
डिस्को का देसी अंदाज
India Today Hindi

डिस्को का देसी अंदाज

घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया

time-read
4 mins  |
January 01, 2025
जिस लीग ने बनाई नई लीक
India Today Hindi

जिस लीग ने बनाई नई लीक

लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है

time-read
2 mins  |
January 01, 2025
आनंद की विरासत
India Today Hindi

आनंद की विरासत

विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है

time-read
3 mins  |
January 01, 2025
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
India Today Hindi

जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन

सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल

time-read
2 mins  |
January 01, 2025
जब मौन बन गया उद्घोष
India Today Hindi

जब मौन बन गया उद्घोष

एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।

time-read
2 mins  |
January 01, 2025
बताने को मजबूर हुए बाबू
India Today Hindi

बताने को मजबूर हुए बाबू

जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई

time-read
3 mins  |
January 01, 2025